Edited By Ramanjot, Updated: 01 Jul, 2025 07:08 PM

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार में स्टार्टअप्स से नवाचार कार्यों की सराहना की और बिहार को विश्व के सबसे बड़े स्टार्टअप हब के तौर पर स्थापित करने का आग्रह किया।
पटना:उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार में स्टार्टअप्स से नवाचार कार्यों की सराहना की और बिहार को विश्व के सबसे बड़े स्टार्टअप हब के तौर पर स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए निरंतर हर तरह से सहयोग करेगा। विकसित भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए बिहार की उद्यमिता तंत्र को बढ़ान जरूरी है। उद्योग मंत्री मंगलवार को "स्टार्टअप स्पार्क 2.0" कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विकास भवन सचिवालय स्थित उद्योग विभाग के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से बिहार में स्थापित स्टार्ट अप के नवाचार उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जो बाजार में प्रवेश के लिए तैयार हैं।
"स्टार्टअप स्पार्क 2.0" बिहार के आगामी स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण लॉन्चपैड साबित होगा, जो उन्हें निवेशकों, मेंटर्स और उद्योग के नेताओं से मिलने और अपने विचारों का विस्तार करने का अवसर प्रदान करेगा। यह पहल बिहार स्टार्टअप नीति 2022 के अनुरूप है, जो स्टार्टअप को मूल पूंजी, सहकार्य स्थल और मार्ग दर्शन प्रदान करके राज्य में एक सशक्त एवं समृद्ध उद्यमिता तंत्र स्थापित करने में अहम काम करती है।
बीएसएफसी और आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्टार्टअप को एक मंच प्रदान करना था। इससे वे आपस में जुड़ सके और विचार विमर्श कर सकें।
इस कार्यक्रम में पांच स्टार्टअप ने अपने उत्पाद प्रस्तुत किए। इनमें ‘भोजपट्टा एग्रीप्रेन्योर प्रा. लि. (नितीश कुमार) - शून्य कार्बन उत्सर्जन ड्रायर’, क्रेडिटबकेट टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. (सौरव सुमन) - पेमेंट साउंडबॉक्स टूल्स’, हाइप्रो टेक प्रा. लि. (अभिषेक कुमार) - सर्विलांस ड्रोन’, ‘एआर ऑनलाइन सर्विस प्रा. लि. (अमन रंजन) - वर्चुअल फैशन ऐप’ और कंसेप्ट ऑफ सुपर फूड्स एलएलपी (श्रवण कुमार) - मखाना आधारित खाद्य उत्पाद’ शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड योजना के तहत लाभान्वित उद्यमियों और "स्पार्क 2.0" में निवेश के विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप चेक प्रदान किए गए।
इस अवसर पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता, हस्तशिल्प और रेशम निदेशक निखिल धनराज निप्पणीकर, तकनीकी विकास निदेशक शेखर आनंद और आईआईटी पटना के आईसी प्रभारी प्रोफेसर डॉ. सुधीर कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे।