Edited By Ramanjot, Updated: 07 Feb, 2025 07:55 PM
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमाबंदियों के डिजिटाइजेशन एवं डिजिटाइज जमाबंदियों को त्रुटि रहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है।
पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमाबंदियों के डिजिटाइजेशन एवं डिजिटाइज जमाबंदियों को त्रुटि रहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत शिविर लगाकर मूल जमाबंदी के डिजिटाइजेशन या इसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी को दुरूस्त करने के काम को एक निश्चित समयावधि में युद्ध स्तर पर संपन्न कराया जाना है। मिशन मोड में किए जाने वाले इस काम के लिए अंतिम तिथि 15 मार्च, 2025 निर्धारित की गई है।
दिए गए निदेश के मुताबिक राजस्व कर्मचारियों द्वारा हरेक मौजा की मूल जमाबंदी की स्कैंड और ऑनलाइन प्रति से मिलान किया जाएगा। जहां जमाबंदी स्कैंड नहीं हो सकी है वहां मूल प्रति से मिलान करने के बाद सभी भागों सहित पृष्ठवार सुधार किया जाएगा। सभी कर्मचारियों को यह भी निदेश दिया गया है कि मूल जमाबंदी में दर्ज रैयत या भूमि संबंधी विवरण को हूबहू ऑनलाइन किया जाना है।
किसी भी स्थिति में मूल जमाबंदी में अंकित आकड़ों के अतिरिक्त कोई अन्य प्रविष्टि या सुधार या मूल जमाबंदी में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करना है। सभी मौजा की सभी जमाबंदी को डिजिटाइज या उसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार मौजावार करना है। जमाबंदी में सुधार के लिए ई-जमाबंदी मॉड्यूल का इस्तेमाल किया जाएगा।
शिविर का आयोजन समाहर्ता के निदेशानुसार किया जाएगा। हल्का कर्मचारी को अपने हल्के के सभी मौजों में सुधार की जिम्मेदारी दी गई है जो उनको उपलब्ध कराए गए लैपटॉप के जरिए किया जाएगा। शिविर की संख्या तथा शिविर का अंचल, हल्का या मौजा के साथ संबंद्धता का निर्णय जिला स्तर से किया जाएगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस संबंध में सभी समाहर्ताओं को एक पत्र लिखा है। पत्र में स्पष्ट है कि पूर्व में अगर परिमार्जन, परिमार्जन प्लस, दाखिल-खारिज या स्वतः संज्ञान होने पर अंचल अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार किया जा चुका है तो मूल जमाबंदी से मिलान करते समय वैसी जमाबंदी में संशोधन नहीं करना है।
विभाग के इस उच्च प्राथमिकता के कार्य की निगरानी राजस्व से जुड़े सभी वरीय पदाधिकारी करेंगे। जमाबंदी में सुधार की संपूर्ण जिम्मेदारी राजस्व कर्मचारी एवं अंचल अधिकारी की होगी। भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा आवश्यक सहयोग एवं निरीक्षण किया जाएगा। अपर समाहर्ता एवं समाहर्ता नियमित सीधी समीक्षा करेंगे और लापरवाही बरतने पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने ऑनलाइन जमाबंदियों के जल्द से जल्द त्रुटिरहित करने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि भूमि सर्वे एवं बंदोबस्त कार्यक्रम में जमाबंदियों को परिमार्जित और डिजिटाइज्ड होना अति आवश्यक है। डिजिटली हस्ताक्षरित अधिकार अभिलेख देने की गुणवत्ता भी इस कार्य से जुड़ी हुई है।
जमाबंदी के जरिए भूमि का अंतरण पता चलता है। वर्ष 2017 में सबसे पहले सभी सदर अंचलों में ऑनलाइन जमाबंदी शुरू की गई थी जिसे अक्टूबर, 2018 में पूरे बिहार के सभी अंचलों में लागू कर दिया गया था। उस दौरान कई प्रकार की त्रुटियां रह गई थीं। वर्तमान में विभाग की कवायद उन्हीं छूटी हुई और गलत ऑनलाइन की जमाबंदी में सुधार से संबंधित है।
वर्तमान में 4.39 करोड़ जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है। हालांकि विभाग द्वारा परिमार्जन एवं परिमार्जन प्लस पोर्टल के जरिए जमाबंदियों में त्रुटियों का निराकरण किया गया है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में आमलोगों/रैयतों द्वारा जमाबंदी में त्रुटियों से संबंधित शिकायत पत्र दिए जा रहे हैं। इसे दूर करने के लिए विभाग ने यह कार्रवाई की है।