हर्षोल्लास के साथ मनाई गई 'बिहार केसरी' डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जयंती, CM नीतीश ने दी श्रद्धांजलि

Edited By Ramanjot, Updated: 21 Oct, 2022 04:08 PM

birth anniversary of bihar kesari dr shri krishna singh celebrated

कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों द्वारा नगर निकाय चुनाव में आरक्षण से संबंधित पूछे गए प्रश्न का जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अति पिछड़े वर्ग का रिजर्वेशन रहना चाहिए, वो जरूरी है। आयोग बन गया है, वो सभी चीजें देखेगा। वर्ष 1978 में इस देश में सबसे...

पटनाः बिहार केसरी स्व. डॉ. श्रीकृष्ण सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय जयंती समारोह का आयोजन पटना में मुख्य सचिवालय के प्रांगण में स्थित डॉ. श्रीकृष्ण सिंह जी की प्रतिमा स्थल के निकट की गई। 

CM सहित इन लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, वित्त सह संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मो. आफाक आलम, विधायक अनिल कुमार, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, विधान पार्षद सौरभ कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविन्द कुमार सिंह सहित अन्य सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बिहार केसरी स्व. डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन, कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। 

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निकाय चुनाव के मुद्दे पर कही ये बात 
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों द्वारा नगर निकाय चुनाव में आरक्षण से संबंधित पूछे गए प्रश्न का जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अति पिछड़े वर्ग का रिजर्वेशन रहना चाहिए, वो जरूरी है। आयोग बन गया है, वो सभी चीजें देखेगा। वर्ष 1978 में इस देश में सबसे पहले बिहार में ही जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने ओबीसी और ईबीसी दोनों के लिए आरक्षण देने का काम किया था। उनके समय का यह काम किया हुआ है। बाद में वर्ष 2000 में तत्कालीन सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण देने का काम किया था। वर्ष 2005 में जब हमलोगों को मौका मिला तो हमने उसमें कहा कि ओबीसी में सिर्फ ईबीसी को आरक्षण देंगे। सभी दल के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद यह काम हुआ है। अति पिछड़े के लिए तो यह वर्ष 2006 में ही जब पहली बार पंचायत का चुनाव हुआ तब किया गया था और वर्ष 2007 में नगर निकायों के लिए भी उसी प्रकार का कानून बनाकर आरक्षण दिया गया।

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सीएम नीतीश ने कहा कि बहुत लोगों ने इसे चुनौती दी थी कोर्ट में, लेकिन हाईकोर्ट ने तो बिल्कुल सरकार का जो निर्णय था, उसको सही कहा और सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला आया कि ठीक है। यहां तो चार बार पंचायत का चुनाव इसी तरीके से हुआ और तीन बार नगर निकाय का भी चुनाव हो चुका है। अति पिछड़ों को आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए? शहरी इलाके में तो सबको मालूम है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावे जो अति पिछड़े वर्ग के लोग हैं वे सबसे ज्यादा गरीब हैं, उनको आरक्षण जरूर मिलना चाहिए। इससे लोगों को अवसर मिलता है, लोग उससे आगे बढ़ेंगे। हमने कहा कि ठीक है अगर इसमें कोई बात है तो आयोग बना दिया गया है वो फिर से सब कुछ आकलन करके और अध्ययन करके इसे देखेगा और जो उनकी रिपोर्ट आएगी उसी के आधार पर निर्णय लिया जाएगा और उसी के आधार पर चुनाव होगा। दुबारा हाईकोर्ट में सारी बातों को रखा जाएगा। 

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हमलोग बेरोजगारी पर बहुत तेजी से काम कर रहेः नीतीश
डीजीपी को फर्जी फोन कॉल कर के झांसे में लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस बात का पता चला कि कोई गड़बड़ आदमी फर्जी कॉल कर रहा है तो उसपर ऐक्शन लिया गया और कानूनी कार्रवाई की गई है। प्रशांत किशोर के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कृपा करके उनके बारे में मुझसे सवाल नहीं पूछा करें। हमने कुछ लोगों को कितनी इज्जत दी लेकिन उन लोगों ने मेरे साथ कितना दुर्व्यवहार किया। बेरोजगारी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। आज ही कई लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। हमलोग रोजगार की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं। सब कुछ उसी के लिए किया जा रहा है।

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