Bihar: ऊर्जा क्षेत्र में विकास के खुले द्वार, प्रगति यात्रा के दौरान CM नीतीश की घोषणाओं को कैबिनेट ने किया पास

Edited By Ramanjot, Updated: 18 Feb, 2025 11:36 AM

cabinet passed cm nitish s announcements during pragati yatra

Nitish Kumar News: वर्ष 2005 से पहले बिहार में बिजली की काफी खराब स्थिति थी। राजधानी पटना में भी लोगों को मुश्किल से 7-8 घंटे ही बिजली मयस्सर हो पाती थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर, 2005 में सत्ता संभालते ही विकास कार्यों की रूपरेखा बनाई और...

Nitish Kumar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के माध्यम से बिहार के हर जिले में घूम-घूमकर वहां के लोगों से मिल रहे हैं और बचे हुए विकास कार्य को जल्द पूरा करने हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। मुख्यमंत्री शुरू से ही यात्रा के जरिए जनता से सीधे कनेक्ट होते हैं और ऑनस्पॉट ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हैं। यह जनता से जुड़ाव का उनका शुरू से ही तरीका रहा है। 

कई घोषणाओं को कैबिनेट ने किया पास 
वर्ष 2005 से पहले बिहार में बिजली की काफी खराब स्थिति थी। राजधानी पटना में भी लोगों को मुश्किल से 7-8 घंटे ही बिजली मयस्सर हो पाती थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर, 2005 में सत्ता संभालते ही विकास कार्यों की रूपरेखा बनाई और ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किया। प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलों में जरूरत के मुताबिक ऑन स्पॉट ही ऊर्जा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उनमें से कई घोषणाओं को कैबिनेट से पास कर दिया गया। इसके मुताबिक, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के क्षेत्राधीन 30 नए विद्युत शक्ति उपकेंद्रों के निर्माण हेतु भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कुल राशि 358 करोड़ 5 लाख रुपए की योजना की स्वीकृति दी गई। उक्त राशि का 60 अनुपात 40 वित्तीय पोषण के तहत 60 प्रतिशत राशि अर्थात् 214 करोड़ 83 लाख रुपए केंद्र सरकार से अनुदान स्वरूप एवं शेष राशि 143 करोड़ 22 लाख रुपए राज्य सरकार द्वारा नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को हिस्सा पूंजी के रूप में इक्विटी स्वरूप उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई। 

विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की स्वीकृति 
साथ ही साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के क्षेत्राधीन 29 नए विद्युत शक्ति उपकेंद्रों के निर्माण हेतु भारत सरकार द्वारा अनुमोदित 369 करोड़ 62 लाख रुपए की योजना की स्वीकृति दी गई। उक्त राशि का 60 अनुपात 40 वित्तीय पोषण के तहत 60 प्रतिशत राशि अर्थात 221 करोड़ 78 लाख रुपए केंद्र सरकार से अनुदान स्वरूप एवं शेष राशि 147 करोड़ 84 लाख रुपए राज्य सरकार द्वारा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को हिस्सा पूंजी के रूप में इक्विटी स्वरूप उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के क्षेत्राधीन कार्यरत 220/132/33 केवी एवं 132/33 केवी ग्रिड सब-स्टेशनों से सम्बद्ध/प्रस्तावित विद्युत शक्ति उपकेंद्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु 62 अदद 33 केवी लाइन 'बे' निर्माण हेतु 88 करोड़ 99 लाख रुपए की नई योजना की स्वीकृति दी गई। उक्त स्वीकृत राशि का 20% अर्थात 17 करोड़ 80 लाख रुपये पूँजीगत निवेश के रूप में इक्विटी स्वरूप एवं शेष 80% अर्थात् 71 करोड़ 19 लाख रुपए राज्य सरकार की गारंटी पर विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई। 

अंधकार में डूबे बिहार को ‘लालटेन’ से दिलाई मुक्ति
बिहार स्टेट पावर ट्रान्समिशन कम्पनी लिमिटेड के अन्तर्गत संचरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु मुजफ्फरपुर जिला के गायघाट प्रखंड के मैथी में एक नए 2 गुना 80 एमवीए क्षमता वाली ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण एवं 132 केवी मुशहरी-एसकेएमसीएच संचरण लाईन के दोनों सर्किट का मैथी एलआईएलओ हेतु 134 करोड़ 42 लाख रुपए की नई योजना की स्वीकृति दी गई। उक्त स्वीकृत कुल राशि का 20% अर्थात 26 करोड़ 88 लाख रुपए पूंजीगत निवेश के रूप में इक्विटी स्वरूप एवं शेष 80% अर्थात 107 करोड़ 54 लाख रुपए राज्य सरकार की गारंटी पर विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊर्जा के क्षेत्र में दीर्घकालिक योजना बनाकर अंधकार में डूबे बिहार को ‘लालटेन’ से मुक्ति दिलाई। एलईडी की रोशनी से गांव की गलियों से लेकर शहर के चौक-चौराहों तक को रोशन किया गया। नई ऊर्जा नीति और ‘हर घर बिजली’ की योजना चलाकर गांव और शहरों में नए तार, नए ट्रांसफॉर्मर, नए फीडर और बिजली के खंभों की जाल बिछाई गई। 

साथ ही बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत 06 132/33 केवी ग्रिड सब-स्टेशनों (रामनगर, शिवहर, बखरी, शेरघाटी, बारसोई एवं पीरो) को दूसरा ऊर्जा स्रोत उपलब्ध कराने हेतु 06 132/33 के०वी० डबल सर्किट नए संचरण लाईन एवं संबंधित 21 अदद 'बे' के निर्माण हेतु 442 करोड़ 82 लाख रुपए की नई योजना की स्वीकृति दी गई। उक्त स्वीकृत राशि का 20%  अर्थात 88 करोड़ 56 लाख रुपये पूंजीगत निवेश के रूप में इक्विटी स्वरूप एवं शेष 80% अर्थात 354 करोड़ 26 लाख रुपए राज्य सरकार की गारंटी पर विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई। ऊर्जा विभाग साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड के क्षेत्राधीन जमुई, मुंगेर, लखीसराय, बांका एवं नवादा जिलों के 54 बसावटों (29 गांवों) के 2062 घरों को ग्रिड से विद्युतीकरण करने हेतु "पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना" (आरडीएसएस) अंतर्गत कुल 35 करोड़ 46 लाख रुपए की योजना की स्वीकृति दी गई। 

कई नई योजनाओं मिली स्वीकृति 
साथ ही इसके कार्यान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 17 करोड़ 79 लाख रुपये में 60 अनुपात 40 वित्तीय पोषण के तहत 60 प्रतिशत राशि अर्थात् 10 करोड़ 68 लाख रुपए केंद्र सरकार से अनुदान स्वरूप एवं शेष राशि 24 करोड़ 78 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड को हिस्सा पूंजी के रूप में इक्विटी स्वरूप उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई। बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कम्पनी लिमिटेड द्वारा कजरा (लखीसराय) में 116 मेगावाट (AC) सौर ऊर्जा (PV) क्षमता के साथ 241 MWh बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) विस्तार परियोजना के अधिष्ठापन हेतु कुल 1055 करोड़ 72 लाख रुपये की योजना की स्वीकृति दी गई। साथ ही उक्त स्वीकृत राशि का 80 अनुपात 20 वित्तीय पोषण के तहत 80% अर्थात् 844 करोड़ 58 लाख रुपये राज्य सरकार की गारंटी पर विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण स्वरूप प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई एवं 20% अर्थात् 211 करोड़ 14 लाख रुपए इक्विटी स्वरूप पूंजीगत निवेश के रूप में उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के क्षेत्राधीन नव सृजित 06 विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के प्रमंडलीय नियंत्रण कक्ष, 15 विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल के अवर प्रमंडलीय नियंत्रण कक्ष, 05  पावर सब-स्टेशनों के नियंत्रण कक्ष भवन एवं 04 नये प्रमंडलीय भंडार के निर्माण हेतु 51 करोड़ 44 लाख रुपए की नई योजना की स्वीकृति प्रदान की गई। 

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान जनप्रतिनिधियों और लोगों के द्वारा बिजली संबंधित जो समस्याएं मुख्यमंत्री के संज्ञान में आती हैं उसे अधिकारियों को नोट करने तथा उसपर योजना बनाकर काम करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि बिहार की जनता को निर्बाध और सस्ती बिजली मिलती रहे। राज्य सरकार इसके लिए अपनी तरफ से बिजली अनुदान दे रही है। नये-नये पावर स्टेशन और सब ग्रिड स्टेशन खोले जा रहे हैं। बिजली कट की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जाती है, उसके लिए 24 गुना 7 कर्मी तैनात हैं।    

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