Edited By Ramanjot, Updated: 19 Jun, 2025 08:01 PM
आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों को लेकर आज बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में मगध प्रमंडल की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई।
पटना:आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों को लेकर आज बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में मगध प्रमंडल की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पुराना सचिवालय स्थित सभा कक्ष में आयोजित की गई, जिसमें चुनाव से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
बैठक में पुलिस महानिदेशक, विनय कुमार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार, विनोद सिंह गुंजियाल, अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, अरविंद कुमार चौधरी, प्रमंडीय आयुक्त, मगध, तथा संबंधित जिलों के जिलाधिकारी / पुलिस अधीक्षक सहित कई अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग का आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार भ्रमण होना है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस दौरे से पहले सभी आवश्यक तैयारियाँ “मिशन मोड" में शुरू कर दी जानी चाहिए। बैठक में अरवल, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद और गया जी के जिलाधिकारियों / पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिलों में की जा रही चुनाव तैयारियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने चुनाव तैयारियों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक 1200 मतदाताओं पर एक बूथ निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने कर्मियों के चुनाव सॉफ्टवेयर में डेटा एंट्री का काम समय पर पूरा करने का निदेश दिया। इसके अतिरिक्त, प्राप्त आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित करने, शैडो जोन को चिन्हित कर उनके लिए संचार योजना बनाने, और पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। गुंजियाल ने अवैध हथियारों और कारतूसों की बरामदगी पर विशेष जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बूथों की सामान्यतः शिफ्टिंग नहीं होगी, बल्कि उन्हीं स्थानों पर अतिरिक्त बूथ बनाना चाहिए। वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार छापेमारी करने तथा बूथों पर ‘एश्योर्ड मिनिमम फैसिलिटी' (AMF) उपलब्ध करवाने हेतु संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए।
अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग द्वारा दिए गए निर्देश
अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, अरविंद कुमार चौधरी ने सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने हथियारों का निरीक्षण करने, शस्त्र दुकानों का निरीक्षण करने, इस्तेमाल किए गए गोली का सत्यापन करने, और थाना में लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हर महीने सभी कारागारों का औचक निरीक्षण किया जाए। सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने का भी निर्देश दिया गया, ताकि कोई भी भ्रामक खबर न फैलाए। यदि ऐसा होता है तो तुरंत कार्यवाही की जाए।
बैठक के अंत में मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों को उनके द्वारा की जा रही चुनाव तैयारियों को और त्वरित करने का निदेश किया। उन्होनें कहा कि जहां कहीं भी RO (रिटर्निंग ऑफिसर), ARO (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर) ERO/AERO (असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) की रिक्तियाँ हैं, उन्हें जल्द से जल्द भरा जाए। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यदि कहीं से भी 'पोल बायकॉट' की आसूचना आती है, तो उसे संवेदनशीलता से निपटाया जाए।

विनय कुमार, पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित गिरफ्तारी वारंटों एवं कुर्की जब्ती वारंटों का त्वरित निष्पादन किया जाय। निर्वाचन से संबंधित दर्ज काण्डों, निर्वाचन एवं शस्त्र अधिनियम से संबंधित दर्ज काण्डों का शीघ्र अनुसंधान पूर्ण किया जाय। जब्त शराब का त्वरित विनिष्टीकरण कराया जाय अवैध हथियार धारकों के बारे में आसूचना संग्रहित कर लक्षित कर्रवाई की जाय। बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत जिला प्रशासन नवादा द्वारा अच्छी कार्रवाई की गयी है। इसी तर्ज पर अन्य जिलों में भी अधिक-से-अधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। निरोधात्मक कार्रवाई करने के पूर्व स्पष्टतः कार्रवाई करने का मार्गदर्शन दिया गया।
मुख्य सचिव द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी आरम्भ की जाय। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से प्रभावकारी प्रशासनिक व्यवस्थाएं की जाय। जिलों में स्थापित चेक पोस्टों पर वाहन जाँच अभियान को तेज किया जाय। अंतर्राज्जीय सीमाओं पर विशेष चौकसी रखी जाय।
सीमावर्ती जिलों के प्रशासन के साथ सामयिक समन्वय बैठक की जाय। थानों में जब्त वाहनों के अधिग्रहण हेतु नियमित न्यायालय कार्य करके अभियान को गति दी जाय। उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी जिलों की तैयारी की समीक्षा हेतु प्रमंडलवार बैठक प्रारम्भ की गयी है। जिसके अन्तर्गत अगले एक माह में सभी प्रमंडलों की तैयारी बैठक की समीक्षा होगी।