मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शेखपुरा में 133 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया

Edited By Ramanjot, Updated: 06 Feb, 2025 06:59 PM

cm inaugurated the foundation stone of schemes worth rs 133 crore in sheikhpura

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के चौथे चरण में शेखपुरा जिले के घाटकुसुम्मा प्रखंड के नवनिर्मित मुखिया सरपंच, पंचायत प्रशिक्षण केंद्र (डी०पी०आर०सी०) के बगल में बने कार्यक्रम स्थल से 133 करोड़ 24 लाख रुपये की कुल 172 विकासात्मक योजनाओं का...

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के चौथे चरण में शेखपुरा जिले के घाटकुसुम्मा प्रखंड के नवनिर्मित मुखिया सरपंच, पंचायत प्रशिक्षण केंद्र (डी०पी०आर०सी०) के बगल में बने कार्यक्रम स्थल से 133 करोड़ 24 लाख रुपये की कुल 172 विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसमें 96 करोड़ 33 लाख रुपये की 120 योजनाओं का उद्घाटन और 36 करोड़ 71 लाख रुपये की 52 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

खेल परिसर, पंचायत सरकार भवन, पुस्तकालय और स्वास्थ्य केंद्र समेत कई विकास परियोजनाओं की सौगात

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शेखपुरा जिला के घाटकुसुम्मा प्रखंड में विभिन्न विकासात्मक कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने गगौर ग्राम में 9.92 लाख रुपये की लागत के खेल परिसर के विकास कार्यों तथा 14.99 लाख रुपये लागत के राजीव गांधी सेवा केंद्र के जीर्णोद्धार कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने खेल मैदान का जायजा लिया और वहां उपस्थित खिलाड़ियों से बातचीत कर उनका उत्साहवर्द्धन किया। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदी के पुस्तकालय का फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने पुस्तकालय का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तकालय अच्छा बना है, यहां ग्रामीण बच्चे और युवा शैक्षणिक, उद्यमिता, कौशल एवं करियर के विकास हेतु अध्ययन करेंगे जिससे उनको लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने 131.24 लाख रुपये लागत के पंचायत सरकार भवन, गगौर का शिलापट्ट अनावरण एवं फीता काटकर उद्घाटन किया तथा भवन के विभिन्न भागों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत सरकार भवन बढ़िया बना है। इसके बन जाने से इस ग्राम पंचायत के लोगों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिल जाएंगी और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो भी बचे हुए पंचायत सरकार भवन हैं उन्हें जून, 2025 तक पूर्ण करें।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में खगोल विज्ञान प्रयोगशाला और ड्रोन रोबोटिक्स केंद्र का उद्घाटन

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, गगौर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खगोल विज्ञान प्रयोगशाला का फीता काटकर उद्घाटन किया। प्रयोगशाला में छात्राओं ने मुख्यमंत्री को खगोल विज्ञान और सौर मंडल आदि के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपलोग खूब अच्छे से पढ़िए, आगे बढ़िए। नयी-नयी तकनीक और नयी जानकारियों के बारे में जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहें, इससे आपको लाभ होगा। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के परिसर में छात्राओं द्वारा लगाई गई कला प्रदर्शनी का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और उसकी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग पढ़ाई के साथ-साथ कला के क्षेत्र में भी आगे बढ़िए।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मध्य विद्यालय, गगौर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं एवं शैक्षणिक कार्यों आदि की जानकारी ली। इस दौरान विद्यालय के बच्चे ने शराबबंदी से हो रहे फायदों को बखान करती एक गीत गाया, मुख्यमंत्री ने गाने को गौर से सुना और उसकी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने परिसर में बच्चों द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने मध्य विद्यालय, गगौर के ड्रोन रोबोटिक्स का फीता काटकर उद्घाटन किया एवं निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने मध्य विद्यालय, गगौर के बगल में 7.63 लाख रुपये की लागत से तालाब के जीर्णोद्धार कार्य तथा 14.99 लाख रुपये लागत की मुख्य सड़क से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक पी०सी०सी० कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने गगौर के दूसरे बड़े तालाब में चलाई जा रही मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना की जानकारी ली और उसका निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाब के बगल में सीढ़ी का निर्माण कराएं ताकि यह देखने में अच्छा लगे। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर उद्घाटन किया और वहां उपस्थित बच्चों एवं शिक्षिकाओं से बातचीत की और उनका उत्साहवर्द्धन किया। मुख्यमंत्री ने 14.99 लाख रुपये लागत के मुखिया सरपंच, पंचायत प्रशिक्षण केंद्र (डी०पी०आर०सी०) का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने डी०पी०आर०सी० का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं एवं प्रशिक्षण संबंधित कार्य पद्धतियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर का भी निरीक्षण किया और वहां उपस्थित चिकित्सक से चिकित्सीय सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों का ठीक से इलाज कराएं और टेलिमेडिसीन सुविधा का लाभ भी मरीजों को उपलब्ध कराएं।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मध्य विद्यालय, गगौर के बगल में बने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, श्रम संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग, परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग आदि के स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, स्टार्टअप योजना, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, जिला गव्य विकास योजना, देशी गौ पालन योजना, मुख्यमंत्री निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार) निवारण अधिनियम, आयुष्मान कार्ड और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभार्थियों को सांकेतिक चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने दिव्यांग जनों को ट्राई साइकिल की चाबी भी वितरित की। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 211 लाभार्थियों को 18 करोड़ 58 लाख रुपये तथा बिहार लघु उद्यमी योजना के 221 लाभार्थियों को 1 करोड़ 64 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत अनुदानित ई-रिक्शा के लाभुकों को भी चाबी प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों के पुस्तकालय और स्वयं सहायता समूहों के प्रयासों की सराहना की

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह की जीविका दीदियों द्वारा जीविकोपार्जन हेतु की जा रही विभिन्न गतिविधियों एवं उत्पादों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने 1200 स्वयं सहायता समूह को 49 करोड़ 46 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका दीदियों के स्टॉल पर लगाए गए विभिन्न उत्पादों को देखा और जीविका दीदियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब हमलोगों को बिहार में काम करने का मौका मिला तो हमने देखा कि यहां स्वयं सहायता समूहों की संख्या नाम मात्र की है। हमलोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ानी शुरू की। हमने ही स्वयं सहायता समूह का नाम 'जीविका' दिया जिससे प्रेरित होकर तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसका नाम 'आजीविका' किया। हमने जीविका से जुड़ी महिलाओं को 'जीविका दीदी' नाम दिया। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही हैं। इससे बिहार की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। उनका पहनावा और बोलचाल भी काफी अच्छा हो गया है। वे लोगों से बेहिचक होकर बातें करने लगी हैं। मैं आप सभी जीविका दीदियों को बेहतर कार्य करने के लिए बधाई देता हूं, आपलोग बहुत आगे बढ़ें, खूब तरक्की करें। जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि आपकी बदौलत हमलोगों का जीवन सुघरा है। हमलोगों की पारिवारिक और सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। यह सब आपकी देन है।

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