Darbhanga: आपसी दुश्मनी को लेकर लोहे के रॉड से की थी नागेश्वर सहनी की हत्या, 2 लोगों को उम्रकैद की सजा

Edited By Ramanjot, Updated: 21 Jan, 2025 02:43 PM

darbhanga two people sentenced to life imprisonment in murder case

अभियोजन पक्ष के सहायक लोक अभियोजक चंपा मुखर्जी ने बताया कि अभियुक्तों ने आपसी दुश्मनी को लेकर 27 मई 2022 की रात 8. 30 बजे सनहपुर गांव के नागेश्वर सहनी को पिस्तौल का बट और लोहे के रॉड से सिर पर प्रहार कर गंभीर रुप से जख्मी कर दिया था। उसे बचाने गये...

दरभंगा: बिहार के दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने हत्या के मामले में दो लोगों को सश्रम आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने नागेश्वर सहनी की हत्या के मामले में सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के सनहपुर निवासी रणजीत सहनी एवं बलजीत सहनी को सश्रम आजीवन कारावास और 80 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष के सहायक लोक अभियोजक चंपा मुखर्जी ने बताया कि अभियुक्तों ने आपसी दुश्मनी को लेकर 27 मई 2022 की रात 8. 30 बजे सनहपुर गांव के नागेश्वर सहनी को पिस्तौल का बट और लोहे के रॉड से सिर पर प्रहार कर गंभीर रुप से जख्मी कर दिया था। उसे बचाने गये पुत्र पंकज कुमार को भी मारपीट कर घर में लूटपाट किया था। जख्मी नागेश्वर को इलाज के लिये दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) लाया गया। जहां से उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान (पीएमसीएच) उसकी मौत हो गई। मुखर्जी ने बताया कि मामले की प्राथमिकी मृतक के पुत्र पंकज कुमार के फर्दब्यान पर सिंहवाड़ा थाना में प्राथमिकी संख्या 97/22 दर्ज हुई थी। अदालत में मामले का विचारण सत्रवाद संख्या 303/23 के तहत चल रही थी।

अदालत ने 3 जनवरी को दो अभियुक्त को दोषी ठहराया था। सोमवार को अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी कर बलजीत सहनी को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (मानव वध) में सश्रम आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 354 (बी) में 3 वर्ष की सजा और 10 हजार रुपए अर्थ दंड, 380 में तीन वर्ष, 10 हजार, 452 में 3 वर्ष 10 हजार, 427 में एक वर्ष,147 में एक वर्ष,148 में एक वर्ष, 504 में एक वर्ष, 506 में एक वर्ष 323 में 6 माह तथा 341 में एक माह की सजा सुनाई है। वहीं, अदालत ने रंजीत सहनी को धारा 302 में सश्रम आजीवन कारावास और 50 हजार, 354 (क्च) में 3 वर्ष 10 हजार, 380 में 3 वर्ष 10 हजार, 452 में 3 वर्ष 10 हजार, 427 में एक वर्ष, 504 में एक वर्ष और 506 में एक वर्ष की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। 

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