Edited By Ramanjot, Updated: 11 May, 2025 07:16 PM

उप मुख्यमंत्री -सह - कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार किसानों की आय वृद्धि, जल संरक्षण और फसल उत्पादकता में सुधार हेतु निरंतर आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में, प्लास्टिक / जूट / एग्रो टेक्सटाइल मल्च अवयव के...
पटना: उप मुख्यमंत्री -सह - कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार किसानों की आय वृद्धि, जल संरक्षण और फसल उत्पादकता में सुधार हेतु निरंतर आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में, प्लास्टिक / जूट / एग्रो टेक्सटाइल मल्च अवयव के उपयोग को राज्य के सभी जिलों में लागू किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्लास्टिक मल्च को अपनाने हेतु किसानों को ₹40,000 (चालीस हजार)प्रति हेक्टेयर की एकमुश्त इकाई लागत पर 50% सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है।
मल्चिंग तकनीक: जल संरक्षण और खरपतवार नियंत्रण की कुंजी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मल्च तकनीक के माध्यम से खेतों में नमी बनाए रखने, खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में सहायता मिलती है। यह तकनीक विशेष रूप से सब्जियों, फलदार वृक्षों और फूलों की खेती में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुई है।
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह पहल किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने और फसल उत्पादन की निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाकर राज्य को हरित क्रांति की नई दिशा देने के लिए कृतसंकल्प है।
योजना का दायरा और क्रियान्वयन
उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी, जिससे हर क्षेत्र के किसान इसका लाभ उठा सकें। तकनीकी प्रशिक्षण, ऑन-फार्म डेमोंस्ट्रेशन और सहायता कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को इस तकनीक को अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। इस तकनीक के उपयोग से उत्पादन में वृद्धि तो होगी ही, साथ ही जल की खपत में कमी और फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इससे किसानों की आय में सीधा लाभ होगा, साथ ही पर्यावरणीय संरक्षण को भी बल मिलेगा।
सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की गई यह पहल कृषि क्षेत्र को सशक्त, टिकाऊ और लाभकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि बिहार को कृषि नवाचारों में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होगी।