जुलाई-अगस्त में अपनाएं कृषि विभाग के सुझाव, फसल होगी तगड़ी और पैदावार में आएगा उछाल

Edited By Ramanjot, Updated: 23 Jul, 2025 06:22 PM

fertilizer and irrigation management bihar

कृषि विभाग ने जुलाई और अगस्त माह में खरीफ फसलों, सब्जियों और बागवानी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनका पालन कर किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं।

पटना:कृषि विभाग ने जुलाई और अगस्त माह में खरीफ फसलों, सब्जियों और बागवानी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनका पालन कर किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं। इन महीनों में धान, मक्का, बाजरा, मूंगफली, और फलदार वृक्षों आदि से जुड़े कृषि कार्य वैज्ञानिक तरीके से कर किसान उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं। 

बिहार सरकार का कृषि विभाग राज्य में आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीक से कृषि कार्यों को बढ़ावा दे रहा है। विभाग की कोशिशों के कारण ही आज राज्य में कृषि से जुड़े उत्पादन काफी बढ़ चुके हैं और किसानों की जिंदगी में खुशहाली आई है।

जुलाई माह के अंत तक धान की रोपाई पूरे करें

धान के बिचड़ों की जड़ों को क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी (2.5 मिली प्रति लीटर पानी) और 1 प्रतिशत यूरिया के घोल में 3 घंटे डुबोकर माह के अंत तक रोपाई पूरी करें। बुवाई के 15-20 दिन बाद निकौनी करें अर्थात खरपतवारों को हटा दें। 

धड़छेदक कीट के लिए कार्बोफ्यूरान 3जी या कर्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4जी (4-5 दाने प्रति गभ्भा) अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल (1 मिली प्रति 3 लीटर पानी) का छिड़काव करें।

जुलाई माह में मिर्च, टमाटर, और अगात गोभी के बीजों को बीजोपचार के बाद बीज स्थली में बोएं। इस माह में खरीफ चारा की बुवाई पूरी करें। फलदार वृक्षों के लिए ग्राफ्टिंग, स्टूलिंग, और एयर लेयरिंग शुरू करें। पपीता की रोपाई और फलों के नए बागों के लिए गड्ढों में पौधरोपण भी इस माह के अंत तक करें।

अगस्त माह में इन बातों का ध्यान रखें किसान

जुलाई में रोपे गए धान में आवश्यकता के मुताबिक, यूरिया का छिड़काव करें। रोपाई के एक सप्ताह बाद अल्गी कल्चर (10 किग्रा प्रति हेक्टेयर) का उपयोग करें। तनाछेदक कीट के लिए 8-10 फेरोमोन ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाएं। हिस्पा के लिए साइपरमेथ्रिन 10 ईसी या फेनवलरेट 20 ईसी (1 मिली प्रति लीटर पानी) और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (60 ग्राम) व कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (2.5 किलो प्रति हेक्टेयर) का छिड़काव करें।

बरसाती सब्जियों में निकाई-गुड़ाई और जल निकासी सुनिश्चित करें। मिर्च, बैंगन, और टमाटर की रोपाई करें। अप्रैल-मई में तैयार किए गए गड्ढों में पपीता, आम, और लीची के पौधे अगस्त माह के अंत तक लगाएं। इसके साथ ही कृषि विभाग का सुझाव है कि किसान अगस्त में समय पर कीट-रोग प्रबंधन, उचित उर्वरक उपयोग, और जल निकासी पर ध्यान दें।

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