Edited By Ramanjot, Updated: 04 Jun, 2025 07:24 PM

पटना साहिब में ‘गुरु का बाग’ के पास 10 एकड़ क्षेत्र में फैले प्रकाश पुंज पार्क क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो गया है। यह प्रक्षेत्र पटना साहिब में सिख श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां आने वाले अन्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बनने वाला...
पटना:पटना साहिब में ‘गुरु का बाग’ के पास 10 एकड़ क्षेत्र में फैले प्रकाश पुंज पार्क क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो गया है। यह प्रक्षेत्र पटना साहिब में सिख श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां आने वाले अन्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बनने वाला है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के द्वारा इस क्षेत्र में तालाब का जीर्णोद्धार, लैंडस्केपिंग, लाइटिंग और परिसर हरा-भरा बनाने के लिए बड़े पैमाने पर बागवानी की गई है। पूरे इलाके को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए कई स्तर पर नए प्रयोग किए गए हैं। इसमें तालाब के चारो तरफ मोरम परिक्रमा पथ, नौका विहार हेतु जेटी का निर्माण, सौर ऊर्जा द्वारा संचालित डेकोरेटिव लाइटिंग, एक यूनिट शौचालय निर्माण का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही यहां वॉच टावर का निर्माण का कार्य प्रगति पर है। यहां भविष्य में नौका विहार भी कराने की योजना है। पटना सिटी के प्रकाश पुंज के विकास के फेज-2 में क्षेत्र के आसपास के इलाके को विकसित करने के लिए अबतक 9 करोड़ 49 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। आने वाले दिनों में यहां अन्य पर्यटकीय सुविधाएं भी विकसित की जानी है।
सिख इतिहास और संस्कृति का भव्य प्रतीक है ‘प्रकाश पुंज’
‘गुरु का बाग’ के पास स्थित 10 एकड़ क्षेत्र में फैला ‘प्रकाश पुंज’ सिख इतिहास और संस्कृति का एक भव्य प्रतीक है। इस पार्क में गुरु गोविंद सिंहजी के चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह के सम्मान में चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इन द्वारों के पास पांच गोलाकार संरचनाएं हैं, जिनके नाम प्रमुख सिख तीर्थस्थलों हेमकुंड साहिब, पांवटा साहिब, नांदेड़ साहिब, केशगढ़ साहिब और पटना साहिब पर रखे गए हैं। इन गोलाकार दीवारों पर इन गुरुद्वारों की लघु आकृतियां (मॉडल) भी उकेरी गई हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सिख धर्म की समृद्ध विरासत से परिचय कराती है। इसके अतिरिक्त पार्क परिसर में एक संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जिसमें गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन, शिक्षाओं और ऐतिहासिक कार्यों को चित्रों, वस्तुओं और डिजिटल माध्यमों के जरिए प्रस्तुत किया गया है। यह संग्रहालय न केवल उनकी वीरता और बलिदान को दर्शाता है बल्कि लोगों को उनके आदर्शों से भी प्रेरित करता है।