Edited By Swati Sharma, Updated: 13 Jan, 2025 12:55 PM
बिहार की गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा एवं रोजगार के लिए समर्पित कहे जाने वाले गुरू रहमान ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में ‘नॉर्मलाइजेशन' के विरोध के दौरान की गई टिप्पणियों को लेकर बीपीएससी के...
पटना: बिहार की गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा एवं रोजगार के लिए समर्पित कहे जाने वाले गुरू रहमान ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में ‘नॉर्मलाइजेशन' के विरोध के दौरान की गई टिप्पणियों को लेकर बीपीएससी के नोटिस पर रविवार को स्पष्ट कर दिया कि यदि अभ्यर्थियों के हित में उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वह जाएंगे लेकिन आयोग से माफी नहीं मांगेंगे।
गुरू रहमान ने कहा, ‘‘किसी भी हाल में माफी नहीं मांगूंगा। छात्र हित में जेल जाने को तैयार हूं। आयोग के सचिव और अध्यक्ष झूठे हैं। मैंने नॉर्मलाइजेशन का विरोध किया था और अभी भी कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।'' हालांकि उन्होंने बीपीएससी से 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को पूरी तरह से रद्द कर दुबारा परीक्षा कराने की भी मांग की। रहमान ने कहा कि बीपीएससी के अध्यक्ष मुन भाई परमार और सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने 30 अक्टूबर 2024 को पटना के कई कोचिंग के शिक्षकों के साथ बैठक की और 70वीं सिविल सेवा परीक्षा के संबंध में चर्चा की। साथ ही आयोग के अध्यक्ष एवं सचिव ने नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों से बातचीत के लिए 15 नंवबर 2024 को पटना के बापू सभागार में बैठक बुलाने का आश्वासन दिया लेकिन यह बैठक नहीं बुलाई गई। अंतत: मजबूर होकर 06 दिसंबर से हमलोगों ने नॉर्मलाइजेशन का विरोध शुरू कर दिया।
रहमान ने कहा, ‘‘बीपीएससी और उसके अधिकारी हमेशा अपने वादों और आश्वासनों से मुकरते रहे। इसके बावजूद मैंने कभी भी आयोग के अधिकारियों के विरुद्ध कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। साथ ही बीपीएससी 70वीं सिविल सेवा परीक्षा की अधिसूचना में बिंदु दो के ठीक पहले ‘नोट' के तीन नंबर प्वॉइंट में स्पष्ट रूप से नॉर्मलाइजेशन लागू करने का उल्लेख किया गया है। अब यदि हमने इसका विरोध किया तो क्या गलत किया, फिर भी आयोग ने लीगल नोटिस भेजा है तो मैं उसका जवाब अवश्य दूंगा। उल्लेखनीय है कि बीपीएससी ने गुरु रहमान को लीगल नोटिस भेजा है। यह नोटिस बीपीएससी की ओर से पटना उच्च न्यायालय के वकील विवेक आनंद अमृतेश ने भेजा है।