बिहार में धार्मिक जुलूसों निकालने को लेकर गृह विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

Edited By Nitika, Updated: 16 Nov, 2023 01:35 PM

home department issues guidelines regarding religious processions

बिहार में धार्मिक जुलूसों को विनियमित करने एवं जुलूसों को अनुज्ञप्ति निर्गत करने के संबंध में सरकार के विशेष सचिव के. सुहिता अनुपम ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने राज्य के सभी जिलाधिकारी एवं एसपी को पत्र जारी कर कहा कि ऐसे दृष्टांत सामने आए हैं...

पटनाः बिहार में धार्मिक जुलूसों को विनियमित करने एवं जुलूसों को अनुज्ञप्ति निर्गत करने के संबंध में सरकार के विशेष सचिव के. सुहिता अनुपम ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने राज्य के सभी जिलाधिकारी एवं एसपी को पत्र जारी कर कहा कि ऐसे दृष्टांत सामने आए हैं, जिनमें विभिन्न पर्व/त्योहारों के अवसर पर धार्मिक जुलूसों/शोभा यात्राओं में शामिल लोगों द्वारा माइक्रोफोन/लाउडस्पीकर से काफी उच्च ध्वनि में धार्मिक नारे लगाने/डीजे बजाने/परम्परागत हथियारों के प्रदर्शन को लेकर साम्प्रदायिक तनाव के कारण विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई।

विशेष सचिव का कहना है कि विभिन्न पर्व/त्योहारों के अवसर पर उत्पन्न होने वाले तनाव एवं अन्य घटनाओं पर कारगर ढंग से नियंत्रण हेतु राज्य में धार्मिक जुलूसों को विनियमित करने एवं उनके लिए अनुज्ञप्ति दिए जाने हेतु बिहार पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 66 (2) तथा बिहार पुलिस हस्तक 1978 के नियम 23 (अनुसूची-47 प्रपत्र 10) में प्रावधान निहित है। धार्मिक जुलूसों की स्वीकृति एवं उनके लिए दिए जाने वाली अनुज्ञप्ति में यह शर्त निश्चित रूप से शामिल किया जाए कि धार्मिक जुलूसों में माईक्रोफोन/पब्लिक एड्रेस सिस्टम या अन्य ध्वनि विस्तारक के शोर का स्तर उस क्षेत्र के लिए निर्धारित मानक स्तर से अधिक न हो तथा जुलूस नेतृत्व द्वारा मात्र जुलूस के नियंत्रण हेतु ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग किया जाएगा। इस हेतु प्रत्येक ध्वनि विस्तारक के उपयोग के लिए अलग से अनुज्ञप्ति निर्गत किया जाएगा। प्रत्येक अनुज्ञप्ति में Decibel स्पष्ट रूप से अंकित हो। प्रत्येक ध्वनि विस्तारक यंत्र का Decibel मिलान किया जाएगा। Decibel मिलान के लिए मोबाइल पर ऐप उपलब्ध है, जिसके माध्यम से सुगमतापूर्वक इसकी जांच की जा सकती है।

वहीं सुहिता अनुपम जुलूस या शोभायात्राओं के दौरान कई लोगों द्वारा समूह में लाठी, भाला, तलवार, आग्नेयास्त्र एवं अन्य हथियारों का उत्तेजक प्रदर्शन किया जाता है। कुछ खास परिस्थिति यथा सिख समुदाय द्वारा धारित कृपाण को छोड़कर किसी भी जुलूस या शोभायात्रा में हथियार ले जाना अथवा प्रदर्शन किया जाना आर्म्स एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। यदि किसी कारण से तलवार इत्यादि ले जाना आवश्यक हो तो उसके लिए अलग से प्रत्येक वैसे व्यक्ति जो तलवार इत्यादि धारित करेंगे, को अनुमति लेना आवश्यक होगा। जुलूस या शोभायात्राओं में भाग ले रहे कम से कम 10 से 25 लोगों से Undertaking लिया जाए कि विधि व्यवस्था जुलूस में संधारित करेंगे एवं 10 से 25 लोगों का नाम, पता तथा आधार कार्ड का नंबर भी प्राप्त कर लिया जाए।

गृह विभाग का कहना है कि जो मजिस्ट्रेट अथवा पुलिस पदाधिकारी इस जुलूस में प्रतिनियुक्त रहेंगे, उपरोक्त कंडिकाओं में उल्लेखित शर्तों की जांच कर सुनिश्चित होने एवं कंडिका-5 के अन्तर्गत Undertaking प्राप्त होने के पश्चात ही प्रारम्भिक स्थल से जुलूस के प्रस्थान की अनुमति देंगे संबंधित थाना के थाना प्रभारी को इसकी सूचना प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी द्वारा तुरंत दी जाएगी। जुलूस/शोभायात्रा के लिए दी जाने वाली अनुज्ञप्ति में अनुज्ञप्तिधारक के पूर्व इतिहास सहित यह शर्त शामिल किया जाय कि जुलूस में उत्तेजक, भड़काऊ गाना, नारेबाजी तथा प्रतिबंधित हथियारों का Exhibition/Brandishing नहीं किया जाएगा। सभी जुलूसों/शोभायात्राओं का वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी सुनिश्चित की जाए तथा वीडियो क्लीप एवं फोटो को तीन महीने तक सुरक्षित रखा जाए ताकि आवश्यकतानुसार अग्रत्तर कार्रवाई की जा सके।

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