Edited By Ramanjot, Updated: 20 May, 2024 06:14 PM
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दिग्विजय सिंह ने कहा ‘‘मैं चुनाव प्रचार के लिए देश के कई हिस्सों में जा रहा हूं। कल मैं उत्तर प्रदेश में था जहां मैंने हमारे गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव की रैलियों में हिस्सा लिया। ‘इंडिया' गठबंधन के समर्थन में उमड़ती भीड़ बताती है कि यह वैसी ही...
पटना: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सोमवार को दावा किया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' को लोगों का वैसा ही समर्थन मिल रहा है जैसा समर्थन 1977 में जनता पार्टी को मिला था और वह सत्ता में आई थी। पटना स्थित कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने ‘इंडिया' गठबंधन के पक्ष में जनता का भारी समर्थन होने का दावा करते हुए कहा, ‘‘यह 1977 की जनता पार्टी की लहर की तरह ही है।''
‘‘आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं मोदी"
दिग्विजय सिंह ने कहा ‘‘मैं चुनाव प्रचार के लिए देश के कई हिस्सों में जा रहा हूं। कल मैं उत्तर प्रदेश में था जहां मैंने हमारे गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव की रैलियों में हिस्सा लिया। ‘इंडिया' गठबंधन के समर्थन में उमड़ती भीड़ बताती है कि यह वैसी ही लहर है जैसी लहर 1977 में जनता पार्टी के पक्ष में थी।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषणों में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘मोदी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। उन पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।''
"खुद को ‘झूठ की फैक्ट्री' साबित कर रहे हैं प्रधानमंत्री"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया, ‘‘सांप्रदायिक भाषणों की एक श्रृंखला के बाद उन्होंने एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि वह कभी ‘हिंदू-मुस्लिम' नहीं करते हैं। अगले ही दिन उन्होंने फिर से वही किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता के इस तरह के उल्लंघनों का संज्ञान लेना चाहिए था। मैंने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को भी लिखा है। कार्रवाई करने में इसकी विफलता इसकी निष्पक्षता और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने की क्षमता पर गंभीर संदेह पैदा करती है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री यह दावा करके खुद को ‘झूठ की फैक्ट्री' साबित कर रहे हैं कि कांग्रेस धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के पक्ष में है ‘‘जो संविधान के अनुसार संभव ही नहीं है।''