Edited By Ramanjot, Updated: 03 Dec, 2024 10:03 AM
विदित हो कि इस 961 वर्गमीटर के U आकार के डिजाईन में बने इंक्लोजर में 6 प्रदर्श क्षेत्र (डिस्प्ले एरिया) एवं कुल 18 नाईट हाउस हैं। इस इंक्लोजर का ओरियेंटेशन इस प्रकार से किया गया है, जिसमें पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी एवं चेटिलेशन उपलब्ध रहे। साथ-साथ इस...
बिहार न्यूज: संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में स्मॉल कैट इंक्लोजर काफी जर्जर हो जाने के कारण वन्यप्राणियों के वास एवं स्वास्थ्य पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव एवं वन्यप्राणियों के रख-रखाव एवं प्रबंधन में आ रही कठिनाईयों को देखते हुए कुल 3,18,15,000/- (तीन करोड़ अठारह लाख पन्द्रह हजार रूपए) मात्र की लागत से स्मॉल कैट इंक्लोजर का निर्माण दो वर्षों (वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24) में किया गया, जिसका उद्घाटन आज पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और सचिव बंदना प्रेयषी ने किया। उक्त अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HOFF), बिहार और पटना जू के डायरेक्टर व अन्य कर्मी मौजूद रहे।
विदित हो कि इस 961 वर्गमीटर के U आकार के डिजाईन में बने इंक्लोजर में 6 प्रदर्श क्षेत्र (डिस्प्ले एरिया) एवं कुल 18 नाईट हाउस हैं। इस इंक्लोजर का ओरियेंटेशन इस प्रकार से किया गया है, जिसमें पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी एवं चेटिलेशन उपलब्ध रहे। साथ-साथ इस इंक्लोजर में वन्यप्राणियों के व्यवहार के आधार पर बेहतर प्राकृतिक अधिवास की व्यवस्था की गई है। वन्यजीवों के सेल में साफ-सफाई, खान-पान एवं कीपर की निगरानी के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। इसमें वन्यजीवों के प्रतिदिन उपयोग के लिए दो कराल भी है, जिसमें प्रदर्श में न छोड़े जाने वाले वन्यजीवों अथवा अस्वस्थों वन्यजीवों को बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु रखा जा सकता है।
पर्यटकों के दृष्टिकोण से भी यह इक्लोजर आधुनिक तौर पर बनाया गया है। ग्लास प्रदर्श के कारण पर्यटकों को इन छोटे बिल्ली प्रजाति के वन्यजीवों को देखने में काफी आसानी होगी। दर्शकों को वन्यप्राणियों के दर्शन प्राकृतिक परिवेश में ही करने की व्यवस्था की गई है। इसमें प्रभावी भीड-प्रबंधन के लिए एकल मार्ग में विजिटर सर्कुलेशन को रखा गया है। पर्यटकों के बैठने के लिए पर्याप्त सुविधा की गई है। पर्यटकों के दृष्टिकोण से भी यह इंक्लोजर आधुनिक तौर पर बनाया गया है। ग्लास प्रदर्श के कारण पर्यटकों को इन छोटे बिल्ली प्रजाति के वन्यजीवों को देखने में काफी आसानी होगी। दर्शकों को वन्यप्राणियों के दर्शन प्राकृतिक परिवेश में ही करने की व्यवस्था की गयी है। इसमें प्रभावी भीड़-प्रबंधन के लिए एकल मार्ग में विजिटर सर्कुलेशन को रखा गया है। पर्यटकों के बैठने के लिए पर्याप्त सुविधा की गई है।
इस इंक्लोजर में कुल छः (06) छोटी बिल्ली प्रजाति के वन्यजीवों को रखा जाना प्रस्तावित
1. जंगल कैट (Felis chaus)
2. फिशिंग कैट (Prionailurus viverrinus)
3. लेपर्ड कैट (Prionailurus bengalensis) 4. रस्टि स्पोटेड फैट (Prionailurus rubiginosus)
5. क्लाउडेड लेपर्ड कैट (Neofelis nebulosa)
6. मार्बल्ड कैंट (Pardofelis marmorata)
वर्तमान में इस इक्लोजर में जंगल कैट, फिशिंग कैट एवं लेपर्ड कैट के वन्यजीव उपलब्ध है। वन्यप्राणी अदला-बदली कार्यक्रम के तहत अन्य प्रजाति के बिल्लियों को लाया जाना प्रस्तावित है।
संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में एक मादा जेबरा विगत एक वर्ष से अकेली इक्लोजर में रह रहीं थी। चिड़ियाघर के प्रावधानों को आलोक में इसके पेयरिंग हेतु माह अक्टूबर 2024 में वन्यप्राणी अदला-बदली कार्यक्रम के तहत बनेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क, बंगालुरू से एक नर जेबरा को संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में लाया गया है। विहित क्वारटाईन कालावधि के उपरांत इस नर जेवरा का लोकार्पण किया जा रहा है। इस वन्यजीव के बेहतर स्वास्थ्य-प्रबंधन, प्रजनन के साथ-साथ पर्यटकों के लिए इस कौतुहलपूर्ण एवं आकर्षक वन्यजीव का लोकार्पण संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।