Edited By Ramanjot, Updated: 09 Jan, 2025 06:07 PM
निरीक्षण के क्रम में निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना द्वारा मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार को विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में ठंड के मौसम में वन्यजीवों के ठंड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर किए गए...
Bihar News: पटना में बढ़ती ठंड को देखते हुए पटना जू में वन्यजीवों के रख-रखाव हेतु किए जा रहे क्रियाकलापों के निरीक्षण हेतु वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के द्वारा दिनांक 09-01-2025 को पटना जू के वन्यजीवों के इंक्लोजरों का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा हूलॉक गिब्बन, टाइगर, पक्षी केज, चितल, जेबरा, जिराफ, हाथी एवं स्मॉल कैट इंक्लोजर का निरीक्षण किया एवं जू पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिए।
निरीक्षण के क्रम में निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना द्वारा मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार को विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में ठंड के मौसम में वन्यजीवों के ठंड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर किए गए सभी कार्यों की जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि सभी इंक्लोजरों में वन्यजीवों के ठंड से बचाव हेतु सभी कार्य माह अक्टूबर, 2024 से ही प्रारंभ किए गए है, जिसमें सभी वन्यजीवों के नाईट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फुस घास एवं बांस की चचरी से बंद किए गए है ताकि शीतलहर में नाईट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठंड ना लगे। सभी नाईट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफार्म रखे गए है ताकि वन्यजीव को जमीन से ठंड न लगे। नाईट हाउस में ऑयल हीटर लगाए गए है ताकि नाईट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे। प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपाजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिए गए है। सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गए है।
साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्ब लगाए गए है। शाकाहारी वन्यजीवों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठंडी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेरान किया गया है। शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, भौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है। वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामीन की दवाईयां दी जा रही है। प्रत्येक वर्ष की भांति मासाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गई है। चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आंवला का मरब्बा एवं मौसमी फल दिए जा रहे है। भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अंडा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिए जा रहे हैं। पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेरान किए गए है ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे। शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाईट-हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाए गए है।
मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा वन्यजीवों के ठंड से बचाव हेतु सभी आवश्यक कार्य प्राथमिकता पर करने का निदेश निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना को दिया गया। ठंड के मौसम में वन्यजीवों के ठंड से बचाव हेतु संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में किए जा रहे प्रबंधन क्रिया-कलापों की विवरणी ठंड के मौसम में वन्यजीवों के ठंड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के स्वास्थ्य सलाहकार समिति की बैठकों में दिए गए सलाह एवं विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में माह अक्टूबर, 2024 से ही निम्नवत् प्रबंधन कार्य प्रारंभ किए गए हैः-
1. सभी वन्यजीवों के नाईट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फुस घास एवं बांस की चचरी से बंद किए गए है ताकि शीतलहर में नाईट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठंड ना लगे।
2. सभी नाईट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफार्म रखे गए है ताकि वन्यजीव को जमीन से ठंड न लगे।
3. नाईट हाउस में ऑयल हीटर लगाए गए है ताकि नाईट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे।
4. प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपांजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिए गए है।
5. सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गए हैं। साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्ब लगाए गए है।
6. शाकाहारी वन्यजीयों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठंडी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेरान किया गया है।
7. शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, मौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है।
8. वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामीन की दवाईयों दी जा रही है।
9. प्रत्येक वर्ष की भांति मांसाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गई है।
10. चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आंवला का मरब्बा एवं मौसमी फल दिए जा रहे है।
11. भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अंडा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिए जा रहे है।
12. पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेरान किए गए है ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे।
13. शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाईट हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाए गये है।
14. वन्यजीवों पर 24 घंटे लगातार निगरानी में रखा गया है। प्रभावी निगरानी हेतु सभी कर्मियों को विन्टर जैकेट का वितरण किया गया है।