Edited By Ramanjot, Updated: 16 Dec, 2025 10:10 AM

Madhubani News: कलुआही पीएचसी के चिकित्सक डॉ.कमाल आलम ने बताया कि बंदर के काटने से अब तक पांच मरीज इलाज के लिए पहुंचे है। सभी को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाया गया है और प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि बंदर के काटने को हल्के में...
Madhubani News: बिहार में मधुबनी जिले के कलुआही निवासी इन दिनों बंदरो के आतंक से परेशान है। कलुआही प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों और बाजार क्षेत्रों में बंदरों के झुंड खुलेआम घूम रहे हैं। सोमवार को कलुआही प्रखंड के पुरसौलिया गांव में बंदरों ने रंजू देवी (41), अंकित कुमार (13), आशीष कुमार (16) और अनुराग यादव (14) को काट लिया। सभी को इलाज के लिए पीएचसी कलुआही लाया गया है।
कलुआही पीएचसी के चिकित्सक डॉ.कमाल आलम ने बताया कि बंदर के काटने से अब तक पांच मरीज इलाज के लिए पहुंचे है। सभी को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाया गया है और प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि बंदर के काटने को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा रहता है। इस मामले में स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदर विशेष रूप से सुबह और शाम के समय ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। वे घरों की छतों, सड़कों और बाजारों में घूमते हुए लोगों पर झपट्टा मार देते हैं।
कई घटनाओं में बंदरों ने बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। अभिभावक बच्चों को अकेले बाहर भेजने से भी कतरा रहे हैं। स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से बंदरों के आतंक से जल्द निजात दिलाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बिगड़ सकते हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रखंड प्रशासन से बंदरों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ने अथवा स्थायी समाधान निकालने की अपील की है।