Edited By Nitika, Updated: 18 Nov, 2020 04:16 PM
नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सातवीं बार शपथ ली। उनके साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। नीतीश की नई कैबिनेट में एक भी अल्पसंख्यक मंत्री ने शपथ नहीं ली। इतना ही नहीं इस कैबिनेट में टीका तो दिखा लेकिन टोपी नदारद थी।
पटनाः नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सातवीं बार शपथ ली। उनके साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। नीतीश की नई कैबिनेट में एक भी अल्पसंख्यक मंत्री ने शपथ नहीं ली। इतना ही नहीं इस कैबिनेट में टीका तो दिखा लेकिन टोपी नदारद थी।
टीका से आशय हिंदू समाज और टोपी से मुस्लिम समाज है। इतना ही नहीं राजधानी पटना में भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले कायस्थों को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। बिहार कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को बिहार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस ने सरकार का किया घेराव
बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्सी मोह में भाजपा के हाथ के कठपुतली बने हुए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि नीतीश कुमार ने अपनr कैबिनेट में एक भी अल्पसंख्यक को जगह नहीं दी है। भाजपा और आरएसएस के हाथों उन्होंने अपना आत्मसम्मान गिरवी रख दिया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि खुद को अल्पसंख्यकों का सबसे बड़े हितैषी बताने वाले नीतीश कुमार किससे डरकर अल्पसंख्यकों को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दे पाए या फिर उन्होंने आरएसएस और भाजपा के एजेंडे को स्वीकार कर लिया।