Edited By Ramanjot, Updated: 01 Dec, 2023 05:53 PM
मुकेश सहनी आज गढ़वा के रजई विजयी मैदान और रोहतास के सूर्य मंदिर मैदान, अमियावर में बड़ी जनसभा को संबोधित किया। गढ़वा में हजारों की उमड़ी भीड़ में सहनी ने कहा कि बिहार और झारखंड पहले एक ही था। उन्होंने जोर देकर कहा कि निषाद किसी भी राज्य के हों मेरे...
पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी हेलीकॉप्टर से दौरे के क्रम में आज तीसरे दिन झारखंड के गढ़वा और बिहार के रोहतास जिला पहुंचे। इस दौरे में हो रही जनसभा में लोगों का हुजूम जुटा रहा। रैली को संबोधित करते हुए सहनी न केवल युवाओं में जोश भर रहे हैं बल्कि उन्हें एकजुट रहने की अपील भी कर रहे हैं। रैली में उमड़ रही भीड़ में शामिल लोगों को आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए पढ़ाने तथा अधिकारों के लिए संघर्ष करने का हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प भी करवा रहे हैं।
"निषाद मेरे लिए जाति नहीं मेरा परिवार"
मुकेश सहनी आज गढ़वा के रजई विजयी मैदान और रोहतास के सूर्य मंदिर मैदान, अमियावर में बड़ी जनसभा को संबोधित किया। गढ़वा में हजारों की उमड़ी भीड़ में सहनी ने कहा कि बिहार और झारखंड पहले एक ही था। उन्होंने जोर देकर कहा कि निषाद किसी भी राज्य के हों मेरे लिए निषाद कोई जाति नहीं मेरा परिवार है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि आज अगर हमे बेटे, बेटियों के शादी करनी होगी तो इसी समाज के लड़के और लड़की लाएंगे। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सहनी ने साफ तौर पर कहा कि बिहार, यूपी और झारखंड के निषादों का आरक्षण हक है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली और पश्चिम बंगाल में निषाद को आरक्षण मिल रहा है तो इन राज्यों में क्यों नहीं, जबकि देश के पीएम एक है और संविधान एक है।
"निषादों के पास बजरंगबली जैसी शक्ति"
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि आज राजा के घर राजा पैदा नहीं होता बल्कि बाबा साहेब ने लोकतंत्र में ऐसी शक्ति दी है जिसके पास ज्यादा वोट होगा वही राजा बनेगा। उन्होंने कहा कि निषादों के पास बजरंगबली जैसी शक्ति है, बस उसको जानने की जरूरत है। सहनी ने लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहा कि आरक्षण दिल्ली में बैठे लोगों को देना है, लेकिन वे यहां के निषादों के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं। उन्होंने हालांकि केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि जो हमारी बात नहीं सुनेगा उसकी बात हम भी नहीं सुनेंगे। उन्होंने लोगों से एकजुट रहकर अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने की अपील की।