Edited By Ramanjot, Updated: 28 Jul, 2025 09:47 PM

मॉनसून 2025 में दक्षिण बिहार में वर्षापात की स्थिति अच्छी रही है परंतु उत्तर बिहार में वर्षापात की स्थिति अच्छी नहीं रहने के कारण विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग की अध्यक्षता में 28 जुलाई को “अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति” पर...
पटना:मॉनसून 2025 में दक्षिण बिहार में वर्षापात की स्थिति अच्छी रही है परंतु उत्तर बिहार में वर्षापात की स्थिति अच्छी नहीं रहने के कारण विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग की अध्यक्षता में 28 जुलाई को “अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति” पर उत्तर बिहार के 16 जिलों के जिला पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उत्तर बिहार के जिलों में बिजली, पेयजल, फसल आच्छादन, नहरों के अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता आदि विषयों की समीक्षा की गई।
उक्त बैठक में कृषि विभाग व जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी तथा आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने भाग लिया। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, गोपालगंज, सीवान, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिला के जिला पदाधिकारी भी जुड़े ।
बैठक के दौरान मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर समीक्षा की गई:
- वर्षापात की स्थिति: उत्तर बिहार में हालिया वर्षापात की स्थिति, भूजल स्तर एवं फसल आच्छादन की समीक्षा की गई।
- खरीफ फसल आच्छादन की स्थिति: खरीफ फसलों की बुआई और उनके आच्छादन की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई एवं आवश्यक निदेश दिए गए।
- नहरों के अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता: नहरों की स्थिति और उनके अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता की समीक्षा की गई, ताकि सिंचाई की समस्या उत्पन्न न हो।
- बिजली की उपलब्धता की स्थिति: बैठक में बिजली की उपलब्धता और वितरण की स्थिति पर जिलावार चर्चा की गई एवं जिलों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू रूप से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निदेश दिए गए।
- भू-जल स्तर एवं पेयजल की उपलब्धता: बैठक में भू-जल स्तर और पेयजल की स्थिति का भी आकलन किया गया ताकि पेयजल की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।

विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग ने बैठक में अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला पदाधिकारी की अनुशंसा पर पेयजल हेतु लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा नए चापाकल का अधिष्ठापन किया जाएगा तथा अकार्यरत चापाकलों की मरम्मति करायी जाएगी।
बैठक मे उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए विकास आयुक्त के द्वारा बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित करने तथा कृषि फीडर हेतु कम से कम 14 घंटा बिजली उपलब्ध कराने के निदेश दिए गए। उन्होंने नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निदेश भी दिए। विकास आयुक्त ने कहा कि क्षेत्र में बिजली व पेयजल की समस्या को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। संबंधित अधिकारियों द्वारा किसी भी किस्म की कोताही बरते जाने पर जिला पदाधिकारी उनके विरुद्ध सख्त कदम उठाना सुनिश्चित करेंगे।

बैठक में पंकज कुमार, प्रधान सचिव, कृषि विभाग, संतोष मल्ल, प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग, पंकज कुमार पाल, सचिव, पीएचईडी, मनोज कुमार सिंह, सीएमडी, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी, डॉ. चंद्रशेखर सिंह, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। राज्य सरकार प्रभावित जिलों में त्वरित और प्रभावी राहत पहुंचाने हेतु प्रतिबद्ध है।