'बिहार गौरव गान' की रचयिता पद्मश्री डॉ. शांति जैन का निधन, पिछले कुछ दिनों से थीं बीमार

Edited By Ramanjot, Updated: 03 May, 2021 09:53 AM

padmashri dr shanti jain author of bihar gaurav anthem passed away

चर्चित साहित्यकार और लोक गायिका पद्मश्री डॉ. शांति जैन का रविवार की सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। वह करीब 75 वर्ष की थीं। डॉ. शांति जैन पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थीं। उन्होंने यहां लोहानीपुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। उन्होंने ही वर्ष 1997 में...

पटनाः चर्चित साहित्यकार और लोक गायिका पद्मश्री डॉ. शांति जैन का रविवार की सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। वह करीब 75 वर्ष की थीं। डॉ. शांति जैन पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थीं। उन्होंने यहां लोहानीपुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। उन्होंने ही वर्ष 1997 में बिहार गौरव गान की रचना की थी।

गौरतलब है कि 4 जुलाई 1946 को डॉ. शांति जैन का जन्म बुंदलखंड के छतरपुर जिले के बकस्वाहा में हुआ था। उनके पिता स्व. हेमराज जैन बकस्वाहा से आरा नौकरी के सिलसिले में आए थे। उसके बाद से डॉ शांति जैन बिहार की ही होकर रह गईं। वर्ष 1983 में पहली पुस्तक ‘चैती' के लिए उन्हें राजभाषा सम्मान मिला।

इनकी श्रेष्ठतम रचनाओं में वृत्त के चारों ओर, चैती, कजरी, हथेली का एक सितारा, पिया की हवेली, छलकती आंखें, धूप में पानी की लकीरें, तरन्नुम, समय के स्वर, ऋतुगीत, तुतली बोली के गीत, चांदनबाला, बिहार के भक्तिपरक लोकगीत, लोकगीतों के संदर्भ और आयाम, वसंत सेना, कादम्बरी, वासवदत्ता, वेणी संहार की शास्त्रीय समीक्षा प्रमुख है।

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