Edited By Ramanjot, Updated: 23 Jun, 2025 09:59 PM

राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में आज पुल निर्माण की तकनीकी बारीकियों पर केंद्रित एक विशेष उन्मुखीकरण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पटना:राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में आज पुल निर्माण की तकनीकी बारीकियों पर केंद्रित एक विशेष उन्मुखीकरण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा उन कनीय अभियंताओं और तकनीकी पर्यवेक्षकों के लिए आयोजित की गई, जिन्हें विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु राज्यभर के क्षेत्रीय कार्यालयों में नियुक्त किया गया है।
इस कार्यशाला के अवसर पर अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि जिन कनीय अभियंताओं तथा तकनीकी पर्यवेक्षकों की तैनाती विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु की गई है, विभाग ने उन सभी को लगभग एक सप्ताह पूर्व आयोजित पहले चरण की कार्यशाला में बुलाया गया था, जहां उन्हें पुल निर्माण से संबंधित बुनियादी जानकारी दी गई। चूंकि इस समय राज्य में लगभग 25,000 कि.मी. से अधिक ग्रामीण सड़कों और कई बड़े पुलों का निर्माण अभूतपूर्व पैमाने पर चल रहा है, इसलिए यह जरूरी हो गया कि उन्हें तकनीकी विशिष्टताओं की गहराई से जानकारी दी जाए। ग्रामीण सड़कों के निर्माण में अपनाए जाने वाले तकनीकी स्पेसिफिकेशन्स तथा निर्माण के दौरान आवश्यक सावधानियों से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु तकनीकी स्पेसिफिकेशन्स और सावधानियों पर विस्तार से प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव ने कहा अभी बरसात का समय है, बाढ़ आ सकती है। ऐसे में संभावित क्षति की मरम्मत के लिए क्या स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) होना चाहिए, इसकी जानकारी दी जा रही है। साथ ही, पुल निर्माण में विशेषकर फाउंडेशन से जुड़ी सावधानियाँ तथा उनकी टेस्टिंग कब और कैसे करनी है, ये सभी बातें इस कार्यशाला में समझाई जा रही हैं। चूंकि कनीय अभियंता एवं तकनीकी पर्यवेक्षक स्थल पर कार्य करते हैं, इसलिए पूर्ण जानकारी रहने पर ही वे संवेदकों से गुणवत्तापूर्ण निर्माण करवा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि विभाग चाहता है कि पुल निर्माण से संबंधित सभी स्पेसिफिकेशन्स की स्पष्ट जानकारी हमारे सभी स्टेकहोल्डर्स को हो। इसके अगले चरण में, बुधवार 25 जून को, जिन संवेदकों को पुल निर्माण से संबंधित वर्क अवार्ड हुए हैं, उनके साइट इंजीनियरों और सुपरवाइज़रों को प्रशिक्षण हेतु ज्ञान भवन में बुलाया जा रहा है। उन्हें भी हम पुल निर्माण से जुड़ी सभी तकनीकी विशिष्टताओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। उन्हें बताया जाएगा कि साइट पर लैब की व्यवस्था कैसे करनी है, किस-किस स्तर पर टेस्टिंग करनी है और परीक्षण से संबंधित रिकॉर्ड को किस प्रकार संधारित करना है। ये सभी विषय उन्हें विस्तृत रूप से समझाए जाएंगे, ताकि वे कार्यस्थल पर तकनीकी मानकों के अनुसार कार्य सुनिश्चित कर सकें।

सभी स्तर के अभियंताओं के लिए व्यापक प्रशिक्षण सत्र
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अगले चरण में हम 30 जून को सहायक अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक के सभी विभागीय पदाधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के लिए बुला रहे हैं। इस सत्र में भी उन्हें सड़क और पुल निर्माण से संबंधित सभी तकनीकी विशिष्टताओं की जानकारी दी जाएगी । इसके साथ ही, प्रतिभागियों को पुल निर्माण पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण रीडिंग मैटेरियल भी प्रदान किया जा रहा है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा तैयार की गई यह टेक्निकल हैंडबुक अत्यंत उपयोगी है। इसकी प्रतियां हमने पूर्व में कनीय अभियंताओं एवं तकनीकी पर्यवेक्षकों को उपलब्ध कराई हैं, और अब यही सामग्री संवेदकों, साथ ही सहायक अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक के सभी वरिष्ठ अभियंताओं को भी वितरित की जा रही है, ताकि सभी हितधारकों के पास एक समान तकनीकी संदर्भ मौजूद हों।

विभाग के अभियंता प्रमुख-सह-अपर आयुक्त-सह-विशेष सचिव भगवत राम ने गुणवत्तापूर्ण पुल निर्माण की प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बाढ़ प्रभावित सड़कों के पुनःस्थापन से संबंधित तकनीकी पहलुओं की भी जानकारी दी । साथ ही, कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए पुल निर्माण से जुड़ी विशिष्ट तकनीकी बातों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव श्रवणन एम., विशेष सचिव उज्ज्वल कुमार सिंह, संयुक्त सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव अभय झा एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।