Edited By Ramanjot, Updated: 11 Jun, 2025 07:03 PM
बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) एवं वुमन वर्ल्ड बैंकिंग के संयुक्त तत्वाधान में “प्रयास व्यक्तिगत उद्यम योजना” पर एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना में किया गया।
पटना: बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) एवं वुमन वर्ल्ड बैंकिंग के संयुक्त तत्वाधान में “प्रयास व्यक्तिगत उद्यम योजना” पर एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की सदस्यों को व्यक्तिगत ऋण के माध्यम से छोटे-छोटे उद्यमों की स्थापना हेतु प्रेरित करना और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना था।
कार्यशाला में जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के मुख्य महाप्रबंधक श्री सत्यकी रस्तोगी, तथा वुमन वर्ल्ड बैंकिंग की क्षेत्रीय प्रमुख श्रीमती कल्पना अय्यन की उपस्थिति रही। इनके अतिरिक्त राज्य स्तर के विभिन्न प्रतिनिधि , जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक, संकुल स्तरीय संघों की अध्यक्षाएं एवं सदस्याएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं।
प्रयास योजना का उद्देश्य है कि समूह आधारित वित्तीय समावेशन से आगे बढ़कर अब व्यक्तिगत ऋण के माध्यम से महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए। समूह सदस्यों को 50 हजार से 02 लाख तक का ऋण संकुल स्तरीय संघों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाय I यह योजना उन महिलाओं के लिए एक नई दिशा प्रदान करती है जो सिलाई, दुकानदारी, पशुपालन, प्रसंस्करण, कृषि आधारित उद्यम, खाद्य उत्पाद निर्माण जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। कार्यशाला में इस योजना की रूपरेखा, प्रक्रिया, सफलता की कहानियाँ, बैंक सहयोग की भूमिका और महिलाओं के लिए संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका हिमांशु शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “जीविका की प्राथमिकता हमेशा रही है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाए। हमने समूह आधारित वित्त पोषण को सफलतापूर्वक लागू किया है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम महिलाओं को व्यक्तिगत उद्यम के लिए प्रोत्साहित करें। प्रयास योजना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि महिलाएं सिर्फ समूह तक सीमित न रहें, बल्कि व्यक्तिगत पहचान और स्वावलंबन की ओर अग्रसर हों।” आज स्वयं सहायता समूह सदस्यों द्वारा ऋण वापसी 99 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने बताया कि बैंकों का जीविका सामुदायिक संगठनों पर विश्वास बढ़ा है जिसके कारण वर्तमान में अनेकों बैंक ऋण प्रदान करने के लिए इच्छुक रहते हैं I मुझे यह विश्वास है कि ये महिलाएं अपने घर एवं समाज को विकसित बनाने में अहम भूमिका निभा रही है और आगे भी निभाएंगी।

सत्यकी रस्तोगी, मुख्य महाप्रबंधक, SIDBI ने कहा, “बिहार की महिलाएं अब केवल घरेलू कार्यों तक सीमित नहीं हैं। वे आर्थिक गतिविधियों में आगे बढ़ रही हैं और प्रयास जैसी योजनाएं उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर देती हैं। SIDBI, महिला उद्यमिता को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम जीविका के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उन्नयन के लिए काम कर रहे हैं।” उन्होंने बैंकिंग संस्थानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि महिलाओं को व्यक्तिगत ऋण देने की प्रक्रिया को सरल और संवेदनशील बनाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक महिलाएँ इससे लाभान्वित हो सकें।
कल्पना अय्यन, क्षेत्रीय प्रमुख, वुमन वर्ल्ड बैंकिंग ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,“दुनिया भर में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ रही है, और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यह बदलाव तेज गति से हो रहा है। बिहार में जीविका के माध्यम से महिलाओं को जो मंच मिला है, वह सराहनीय है। हमलोग इस योजना के तहत 04 जिलों में लगभग ७ करोड़ रूपये ऋण स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध करायी गयी है I अब हमें उन्हें व्यक्तिगत उद्यम के लिए तैयार करना है और वित्तीय सेवाओं तक उनकी सीधी पहुँच सुनिश्चित करनी है। वुमन वर्ल्ड बैंकिंग इस दिशा में हर संभव सहयोग देने को तत्पर है।”
कार्यशाला में बिहार के विभिन्न जिलों से आई हुईं महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं, जिनमें बताया गया कि उन्होंने कैसे व्यक्तिगत ऋण प्राप्त कर अपने व्यवसाय की शुरुआत की और अब वे आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं। पटना जिले की साधना देवी ने बताया कि उन्हें ₹ 1 लाख का ऋण मिला जिससे उन्होंने अगरबत्ती निर्माण इकाई शुरू की। वह तीन महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।
कार्यशाला में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के अन्य जिलों में भी प्रयास योजना के अंतर्गत विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत समुदाय स्तर पर कार्यशालाएं, प्रशिक्षण, दी जाएगी। संकुल स्तरीय संघ व्यक्तिगत उद्यम के लिए इच्छुक महिलाओं की पहचान कर उन्हें समुचित सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करें। इस योजना के विस्तार से स्वयं सहायता समूह सदयों को व्यक्तिगत ऋण सुगमतापूर्वक मुहैया करायी जाएगी जिससे उनके जीविकोपार्जन गतिविधियों के विस्तार एवं लघु उद्यम स्थापना में सहयोग मिलेगा।
कार्यशाला में शामिल महिलाओं के चेहरे पर आत्मविश्वास और आगे बढ़ने की आकांक्षा साफ झलक रही थी। प्रयास योजना न केवल उनके आर्थिक जीवन को बदलने का माध्यम बनेगी, बल्कि उन्हें समाज में एक स्वतंत्र और सशक्त पहचान दिलाने में भी सहायक सिद्ध होगी।