महागठबंधन सरकार का एक साल पूराः सम्राट चौधरी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बोला हमला, लिखा- इनका घड़ा भर चुका

Edited By Swati Sharma, Updated: 09 Aug, 2023 05:10 PM

samrat chaudhary attacked the grand alliance through a facebook post

आज यानी 9 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार का एक साल पूरा हो गया हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि "राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा...

पटना(अभिषेक कुमार सिंह): आज यानी 9 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार का एक साल पूरा हो गया हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि "राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था-‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है’। नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई।

"नीतीश अवसरवादिता, पलटी मारने की मिसाल बन चुके"
सम्राट चौधरी ने लिखा कि नीतीश कुमार आज इसी अवस्था से गुजर रहे हैं। विनाश के तरफ खींचते अपने कुंद विवेक के कारण ही उन्होंने आज से ठीक एक वर्ष पहले उन्होंने बिहार की जनता के आदेश को नकारते हुए लालू परिवार की गोद में बैठने का फैसला किया था। तब से लेकर आज तक गंगा में काफी पानी बह चुका है। कभी भाजपा के साथ के कारण सुशासन के प्रतीक बने नीतीश आज राजद की संगत की रंगत में रंग कर कुशासन, अवसरवादिता और पलटी मारने की मिसाल बन चुके हैं। इस एक साल में लोगों ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति अतिमहत्वकांक्षा में पड़ कर अपने साथ-साथ 12 करोड़ बिहार वासियों के भविष्य को खतरे में डाल देता है। जनता ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति पद के मद में चूर हो कर खुद को तख्त पर पहुंचाने वाली जनता की पीठ में बार-बार छुरा घोंपता है। अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कैसे एक दूसरे को पानी पी-पी कर कोसने वाले लोग एक हो जाते हैं, लोगों ने यह भी देखा है।

"दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा किया गया"
आगे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा कि इस एक साल में बढ़े अपराध के कारण हजारों माताओं की गोद सुनी हुई है, कितनी ही बहनों का सुहाग उजड़ा। 10 लाख सरकारी नौकरी मांगने वालों पर लाठियां बरसीं, कटिहार में बिजली की मांग करने वालों को गोलियों से भून दिया गया। बक्सर के चौसा में आधी रात में किसानों के घरों में घुस कर महिलाओं-पुरुषों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। भाजपा के शांतिपूर्ण मार्च में कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया. जहानाबाद के हमारे भाई विजय सिंह जी शहीद और सैंकड़ों की संख्या में हमारे कार्यकर्ता घायल हुए। इसी बीच जेहादी तत्व, शराब माफिया, रंगदार और निर्मम हत्यारों को खूब खाद-पानी मिला। बिहार पीएफआई का गढ़ बन गया। कानून बदलकर दो दर्जन से अधिक दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा किया गया। शराब माफियाओं द्वारा तकरीबन हर दूसरे दिन पुलिस को पीटा और मारा जाने लगा।

"जितनी लाठियां और गोलियां चलवानी हों, चला लें, उनका..."
सम्राट चौधरी ने कहा कि बालू माफियाओं के आतंक से जनता और अधिकारी थर्रा उठी। बिहार पुलिस के मुताबिक राजधानी में लगभग हर दिन एक मर्डर होना आम हो गया। हिंदू समाज की आस्थाओं पर सरकार के बड़े नेताओं के अपमानजनक प्रहार होने लगे। शोभायात्राओं पर पथराव की घटनायें आम हो गयीं. राजनीतिक हत्याओं का दौर फिर से शुरू हो गया. यहां तक कि बेगुसराय और हाजीपुर जैसे शहरों में खुलेआम बीच सड़क पर गोलियां दागी गयी. लेकिन नीतीश जी के जमीर की नींद आज तक नहीं टूटी है। उन्होंने कहा कि दरअसल नीतीश कुमार अपने ईमान और अपनी अंतरात्मा दोनों का गला घोंट चुके हैं, न तो राजद के युवराजों की पालकी ढ़ोने में शर्म आती है और न ही उनमें सोनिया गांधी के सामने झुक कर जेपी के संघर्षों का मजाक उड़ाने में ग्लानी का भाव उत्पन्न होता है। बहरहाल नीतीश कुमार यह जान और मान लें कि सिर्फ ठगबंधन सरकार का एक वर्ष नहीं बीता है बल्कि हमेशा बैसाखी पर चलने वाली उनकी राजनीति का भी एक साल कम हो गया है। कुछ दिन और हैं उन्हें जितनी लाठियां और गोलियां चलवानी हों, चला लें। उनका घड़ा भर चुका है। आने वाले समय में बिहार की जनता और उनके अशुभचिंतक साथी उनका जो हाल करेंगे वह हर किसी के लिए एक उदाहरण होगा।

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