Edited By Ramanjot, Updated: 19 Feb, 2025 11:49 AM
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बिहार के जमुई जिले में सरकारी अस्पतालों की हालत बेहद चिंताजनक बनी हुई है। ताजा मामला जमुई सदर अस्पताल का है, जहां गर्भवती महिलाओं से डिलीवरी और इलाज के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं।
जमुई: बिहार के जमुई जिले में सरकारी अस्पतालों की हालत बेहद चिंताजनक बनी हुई है। ताजा मामला जमुई सदर अस्पताल का है, जहां गर्भवती महिलाओं से डिलीवरी और इलाज के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि डॉक्टर और नर्सों ने गर्भवती महिला को देखने से पहले ही 1500 रुपये की मांग कर दी, जिसे बाद में 1100 रुपये में तय किया गया।
डिलीवरी से पहले पैसों की मांग!
जानकारी के मुताबिक, लखीसराय जिले के चानन थाना क्षेत्र स्थित रेउटा गोपालपुर निवासी भूषण कुमार की पत्नी प्रिया कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद सोमवार की रात 8:30 बजे जमुई सदर अस्पताल लाया गया। लेकिन ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ और जीएनएम ने बिना पैसे लिए महिला की जांच तक नहीं की। जब परिजनों ने पैसे देने की बात मानी, तभी महिला को देखा गया और डिलीवरी कराई गई।
छोटी-छोटी चीजों के लिए भी पैसे की मांग!
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने न सिर्फ डिलीवरी बल्कि अन्य सेवाओं के लिए भी जबरन पैसे लिए। सुई देने के नाम पर 50 रुपये, पुर्जा काटने के लिए 100 रुपये और यहां तक कि सफाई कर्मी ने सफाई के एवज में 600 रुपये की मांग की। पुतेरिया सिहोचक गांव निवासी सुरेंद्र साव की पत्नी पूनम कुमारी से भी डिलीवरी के बदले 500 रुपये मांगे गए। हालांकि, जब उसने सिर्फ 200 रुपये दिए, तो स्टाफ ने पैसे लेने से इनकार कर दिया।
अस्पताल प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
जब इस पूरे मामले की जानकारी जमुई सदर अस्पताल के डीएस डॉ. सैयद नौशाद अहमद को दी गई, तो उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आए दिन सवाल उठते रहे हैं, लेकिन जमुई सदर अस्पताल की यह घटना स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोलती है।