Edited By Swati Sharma, Updated: 25 Jun, 2024 06:28 PM
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बाद पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मांझी ने कहा कि स्पीकर किसी पार्टी का पद नहीं है,...
दिल्ली/पटना: भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बाद पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। वहीं, इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मांझी ने कहा कि स्पीकर किसी पार्टी का पद नहीं है, स्पीकर पूरे संसद का प्रतिनिधित्व करते हैं।
"यहां बहुमत को मानना चाहिए"
जीतन राम मांझी ने कहा कि यहां बहुमत को मानना चाहिए, बहुत से राज्यों में जिसकी सरकार होती है उसके स्पीकर व डिप्टी स्पीकर होते हैं, लेकिन वे(विपक्ष) चाहते हैं कि डिप्टी स्पीकर पर पहले ही फैसला हो जाए, हमारा कहना है कि पहले स्पीकर पर फैसला हो जाए जब डिप्टी स्पीकर की बात होगी तो बैठकर तय कर लिया जाएगा, इसी पर सहमति नहीं बनी है। बता दें कि सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बाद पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। यह देश के इतिहास में पहली बार होगा कि लोकसभा स्पीकर के लिए चुनाव होगा। एनडीए ने जहां भाजपा सांसद ओम बिड़ला को अपना उम्मीदवार चुना है, वहीं विपक्ष ने दिग्गज कांग्रेस नेता के सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रक्षा मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए अधिकृत किया था। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से बातचीत की थी, लेकिन वार्ता असफल रही और अब कांग्रेस ने लोस अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार उतार दिया है।