Edited By Swati Sharma, Updated: 24 Jun, 2023 11:09 AM

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के सहयोग से उत्तर प्रदेश के उन्नाव से जबरन विवाह के लिए अगवा करके ले जाई जा रही एक नाबालिग को बिहार के सीतामढ़ी जिले के नेपाल सीमा पर बेरिगिनिया स्थित सशस्त्र...
पटना: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के सहयोग से उत्तर प्रदेश के उन्नाव से जबरन विवाह के लिए अगवा करके ले जाई जा रही एक नाबालिग को बिहार के सीतामढ़ी जिले के नेपाल सीमा पर बेरिगिनिया स्थित सशस्त्र सीमा (एसएसबी) की सीमा चौकी पर मुक्त कराया गया।
एक आरोपी अगवा की गई नाबालिग का है जीजा
नेपाल सीमा पर स्थित एसएसबी 20 बटालियन ने 2 आरोपियों को हिरासत में लेकर उन्हें बेरिगिनिया थाने को सुपुर्द कर दिया। हिरासत में लिया गया एक आरोपी अगवा की गई नाबालिग का जीजा है। जांच में पता चला कि नाबालिग के परिजनों ने 19 जून को उन्नाव के मौरावां थाने में नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। नाबालिग की बड़ी बहन की शादी आरोपी से हुई थी, लेकिन वह उसकी छोटी बहन से विवाह करना चाहता था और इसी इरादे से उसने एक अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर नाबालिग का अपहरण कर लिया और उसे नेपाल ले जा रहा था।
आरोपियों को बेरिगिनिया पुलिस को सौंपा गया
एसएसबी 20 बटालियन ने उन्हें चौकी पर रोक कर पूछताछ की और शक होने पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के कार्यकर्ताओं को बुलाया। इस दौरान बीबीए और प्रयास के सदस्य भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने नाबालिग की काउंसलिंग की और उसके परिजनों से फोन पर बातचीत की। इसके बाद दोनों आरोपियों को बेरिगिनिया पुलिस को सौंप दिया गया।