रणनीति, संसाधन से अधिक महत्वपूर्ण, इसीलिए इसे मजबूत बनाने पर बल दिया जाना ज़रूरीः प्रो. झा

Edited By Swati Sharma, Updated: 19 Jul, 2023 11:16 AM

strategy is more important than resources

बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व कुलपति एवं जाने-माने वाणिज्य शास्त्री प्रो0 सुरेंद्र मोहन झा ने कहा कि वर्तमान दौर में पूंजी निवेश के संकट को विनियमित करने के साथ ही चीन और ताइवान दोनों...

दरभंगा: बिहार के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व कुलपति एवं जाने-माने वाणिज्य शास्त्री प्रो0 सुरेंद्र मोहन झा ने कहा कि वर्तमान दौर में पूंजी निवेश के संकट को विनियमित करने के साथ ही चीन और ताइवान दोनों से भारत के संबंध को संतुलित करने की जरूरत है।              

"रणनीति, संसाधन से अधिक महत्वपूर्ण "
प्रो. झा ने विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग एवं डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को 'भारत ताइवान व्यापारिक संबंध और चीन विषय' पर स्थानीय कौटिल्य कक्ष में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि रणनीति, संसाधन से अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए खासकर रणनीति को मजबूत बनाने पर बल दिया जाना जरूरी है। विभागाध्यक्ष  प्रो. मुनेश्वर यादव ने चीन से प्रेरणा लेने एवं वैज्ञानिक सोच विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चीन के चिंतन एवं दर्शन में नवोन्मेष का अर्थ शक्ति और संपत्ति हासिल करना है।

"विश्व का उभरता हुआ दो सबसे बड़ा बाजार भारत और चीन"
विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक (व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा) सह विभाग के युवा शिक्षक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि विश्व का उभरता हुआ दो सबसे बड़ा बाजार भारत और चीन है। चीन, विस्तारवादी नीति में मौजूदा दौर में सबसे आगे है। चीन भारत को चारों ओर से घेरना चाहता है। इसके लिए भारत के सभी पड़ोसी देशों से वो व्यापारिक संबंध को आये दिन प्रगाढ़ कर रहा है। चाहे पाकिस्तान होकर गिलगिट, बलूचिस्तान होते हुए 2442 किलोमीटर के सीपीईसी आर्थिक गलियारा अरब सागर के ग्वादर बंदरगाह तक ले जाने की नीति हो या नेपाल में धनवर्षा करने की योजना या श्रीलंका में एयरपोर्ट आदि देने की नीति। जो व्यापारिक द्दष्टिकोण से ही नहीं बल्कि सामरिक द्दष्टिकोण से भी भारत के लिये बड़ी चुनौती है। इसीलिए भारत सरकार का भी प्रयास है कि दक्षिण एशिया के छोटे-छोटे देशों से व्यापारिक संबंध को जल्द से जल्द मजबूत किया जाए।              

वरीय शिक्षक डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा ने स्वागत भाषण एवं विषय प्रवेश किया। उन्होंने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत भारत और तालिबान के बीच आयात और निर्यात की स्थिति पर प्रकाश दिया। प्रभात दास फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने सुरक्षा संबंधी तथ्यों पर विचार व्यक्त किया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!