Edited By Ramanjot, Updated: 03 Oct, 2024 12:12 PM
पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय स्वयं एक-एक जगह घूम रहे हैं और कटाव स्थल पर मुस्तैद होकर कटाव निरोधी कार्य का मुआयना कर रहे हैं। नदियों के बढ़े जलस्तर से निपटने तथा प्रभावितों को तुरंत राहत मुहैया कराने को लेकर जिला प्रशासन हर संभव...
बेतिया: बिहार के पश्चिम चंपारण जिला में हुई भारी बारिश के साथ ही नेपाल राष्ट्र द्वारा गंडक नदी में 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण जहां पश्चिम चंपारण जिले के लोगों ने बाढ़ की विभीषिका देखी, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने भी बाढ़ पीड़ितों, विस्थापित लोगों को हर सम्भव राहत, सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है।
हर संभव प्रयास कर रहा जिला प्रशासन
पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय स्वयं एक-एक जगह घूम रहे हैं और कटाव स्थल पर मुस्तैद होकर कटाव निरोधी कार्य का मुआयना कर रहे हैं। नदियों के बढ़े जलस्तर से निपटने तथा प्रभावितों को तुरंत राहत मुहैया कराने को लेकर जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। विस्थापितों के बीच खाना-पानी, दवा, पॉलीथिन शीट्स, सूखा राशन का वितरण लगातार कराया जा रहा है। बाढ़ से विस्थापित लोगों के लिए कम्युनिटी किचेन के माध्यम से राहत पहुंचाया जा रहा है। जिलाधिकारी स्वयं लगातार पल-पल की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं तथा कटाव स्थल, प्रभावितों के बीच जाकर उन्हें और बेहतर सुविधा मुहैया कराने को लेकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं।
बाढ़ आपदा में मानव के अलावा पशु भी आहत
जिलाधिकारी स्वयं सामुदायिक किचन के संचालन पर नजर रख रहे हैं और निरीक्षण के क्रम में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने हेतु सम्बधित अधिकारियों को लगातार निर्देशित कर रहे हैं। बाढ़ आपदा में मानव के अलावा पशु भी आहत हुए हैं। जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में एक ओर जहां बाढ़ विस्थापितों के लिए चिकित्सकों द्वारा कैम्प आयोजित करते हुए आवश्यक दवाओं का वितरण किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पशुपालन विभाग के द्वारा भी जगह-जगह कैम्प के माध्यम से बीमार/आशक्त पशुओं का इलाज भी किया जा रहा है और उनकी बेहतरी के लिए दवाएं भी दी जा रही हैं।
निरीक्षण के दौरान स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा आपदा जनित विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है। उसके त्वरित और नियमानुसार निराकरण हेतु जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। विभिन्न स्थलों से नाव की मांग किए जाने पर तत्काल नाव उपलब्ध कराया जा रहा है। बाढ़ से बचाव के लिए जिले में एसडीआरएफ, एनडीआरएफकी टीम लगातार कैम्प कर रही है और प्रत्येक सूचना पर रेस्क्यू कर रही है। बाढ़ से हुए कटाव स्थल के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सबंधित कार्यपालक अभियंता, संवेदक और मजदूरों से सीधे संवाद कर रहे हैं और उन्हें द्रुत गति से कटाव मरम्मती कार्य कराने हेतु निर्देशित कर रहे हैं।