बिहार में सूखे नशे का बढ़ता कहर बना युवाओं के भविष्य का दुश्मन, हर जिले में नशामुक्ति केंद्र खोलने पर जोर

Edited By Ramanjot, Updated: 26 Jun, 2025 06:31 PM

bihar drug de addiction campaign

बिहार प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन सूखा नशा इसमें रोड़ा बन रहा है। यह समाज के लिए नासूर बन चुका है लिहाजा इसे खत्म करना बेहद जरूरी है।

पटना:बिहार प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन सूखा नशा इसमें रोड़ा बन रहा है। यह समाज के लिए नासूर बन चुका है लिहाजा इसे खत्म करना बेहद जरूरी है। यह बातें बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस के अवसर पर कही।
          
पटना के पुराना सचिवालय परिसर स्थित अधिवेशन भवन में समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में विभागीय मंत्री मदन सहनी ने कहा कि नशे की लत खासकर युवाओं को बर्बादी की तरफ धकेल रही है लिहाजा इस चुनौती से निपटने के लिए हर जिले में नशामुक्ति और पुनर्वास केन्द्र खोलने की बेहद आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिहार का माहौल बदला है और अब चौक-चौराहों पर हंगामा नहीं दिखता लेकिन फिर भी युवाओं को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित होना चाहिए।  
       
वहीं, समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने कहा कि वर्ष 2018 में भारत सरकार की तरफ से किए गये सर्वेक्षण के मुताबिक बिहार में तकरीबन साढ़े 17 लाख ड्रग्स यूजर्स थे, जो भांग, गांजा, चरस के साथ-साथ अफीम, स्मैक और ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करते थे। ऐसी जानकारी भी मिल रही है कि नशे के आदी युवा ब्रेड में आयोडेक्स लगाकर भी खा रहे हैं,  जिसे गंभीरता से लेना होगा। युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए विभाग की तरफ से हर जिले में नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन अभियान जारी है। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक स्कूल-कॉलेज में छात्रों को जागरूक किया जाएगा ताकि नशे की तरफ कदम बढ़ाने से पहले ही युवाओं को रोका जा सके।

मादकपान समाज के लिए घातक

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर अभिषेक आनंद ने कहा कि मादकपान समाज के लिए घातक है। उन्होंने युवाओं में ड्रग्स के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जतायी और कहा कि नशे की तरफ बढ़ने वाले युवाओं के पहले कदम को ही रोकने की सख्त जरूरत है। वहीं, मद्य निषेध के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि शराबबंदी के बाद से सूखे नशे की तरफ लोगों का रूझान बढ़ा है, जो काफी चिंतनीय है। सुलेशन के साथ-साथ इंजेक्शन का सेवन किया जा रहा है, जो बेहद खतरनाक है। ड्रग्स के ओवरडोज से युवाओं की मौत हो रही है।    
         
सिस्टर निवेदिता मेमोरियल ट्रस्ट, नशामुक्ति केन्द्र, पटना के को-ऑर्डिनेटर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नशा एक बीमारी है और इसका इलाज संभव है। इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करना बेहद ही जरूरी है। वहीं, एनएमसीएच के डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि ये एक बॉयोलॉजिकल बीमारी है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की तरह ये आने-जाने वाली एक बीमारी है लिहाजा नवयुवकों को बचना होगा।

 इस कार्यक्रम में विभागीय मंत्री मदन सहनी ने एक कॉमिक बुक का भी लोकार्पण किया। इस दौरान लघु वीडियो भी प्रस्तुत किया गया। नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हुए ‘प्रहरी संस्था’ ने एक नुक्कड़-नाटक भी पेश किया। वहीं, पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता में अव्वल आने वाले छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया।

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