Edited By Ramanjot, Updated: 15 Jul, 2025 09:19 PM

बिहार में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम पहल की गई है। उद्योग विभाग की ओर से संचालित बिहार लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत राशि का वितरण मंगलवार को अधिवेशन भवन में की गई।
पटना:बिहार में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम पहल की गई है। उद्योग विभाग की ओर से संचालित बिहार लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत राशि का वितरण मंगलवार को अधिवेशन भवन में की गई। यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए थी। इस मौके पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम भी किया गया।
मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि बिहार लघु उद्यमी योजना बिहार के युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक सशक्त माध्यम है। हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक योग्य व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाए और अपने व्यवसाय के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में शामिल हो। यह योजना न केवल रोजगार सृजन करेगी, बल्कि बिहार को आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
यह समारोह उन नवाचारियों, महिलाओं और युवाओं के लिए समर्पित है, जिन्होंने आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। इस योजना की शुरुआत 2024 में बिहार सरकार की तरफ से की गई थी, जिसका उद्देश्य जाति आधारित गणना में चिन्हित आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत चयनित लाभुकों को उनके व्यवसाय को स्थापित करने के लिए 2 लाख रुपये की अनुदान राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। यह योजना बिहार के उन स्थायी निवासियों के लिए है, जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच है और जिनकी मासिक पारिवारिक आय 6,000 रुपये या वार्षिक आय 72,000 रुपये से कम है। आवेदकों को योजना के अंतर्गत चिन्हित 61 परियोजनाओं में से किसी एक का चयन करना होता है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में उद्यमी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त 2,32,900 आवेदनों में से कंप्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रणाली के जरिए 59,901 आवेदकों का औपबंधिक चयन किया गया, जिसमें पिछले वर्ष की रिक्तियां (9,901) भी शामिल हैं। इसके अलावा, 11,980 आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इन सभी लाभुकों को संबंधित जिला उद्योग केंद्रों में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के माध्यम से 3 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
इस समारोह में, प्रशिक्षण पूरी कर चुके 20,106 लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में 50,000 रुपये प्रति लाभुक की दर से कुल 100.53 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गयी। इनमें 7,039 महिला लाभुक शामिल हैं, जो इस योजना के तहत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम उठा रही हैं।