Edited By Harman, Updated: 15 Oct, 2024 12:30 PM
सोमवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। सीएम हेमंत सोरेन ने असम में रह रहे झारखंड के करीब 15 लाख आदिवासी लोगों को राज्य में वापस आने का निमंत्रण दिया है। साथ ही झारखंड के आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए आदिवासी कल्याण मंत्री...
रांची: सोमवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। सीएम हेमंत सोरेन ने असम में रह रहे झारखंड के करीब 15 लाख आदिवासी लोगों को राज्य में वापस आने का निमंत्रण दिया है। साथ ही झारखंड के आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए आदिवासी कल्याण मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया।
कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने पत्रकारों को संबोधन करते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासी मूल निवासियों को अंग्रेजों द्वारा काम करने के लिए इस देश के कई राज्यों में ले जाकर बसाया गया है। जिसमें असम और अंडमान जैसे राज्य शामिल हैं। वे वहां सालों से रह रहे हैं। जो अपने अधिकारों के लिए उन राज्यों में संघर्षरत है उनसे हमारी मुलाकात होते रहती है । लेकिन उन प्रदेशों में उन्हें अभी भी आदिवासी का दर्जा प्राप्त नहीं है। आदिवासी कल्याण मंत्रालय के द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जाती हैं, उसका भी लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है।
साथ ही सीएम हेमंत सोरेन ने कहा इस संदर्भ में हमारी सरकार ऐसे सभी मूलवासी आदिवासी को झारखंड आने का न्योता देती है और उनके समस्याओं को जानने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। कल्याण मंत्री के नेतृत्व में यह एक सर्वदलीय समिति होगी । समिति का प्रतिनिधि मंडल उन राज्यों में जाकर के उनकी स्थिति का अध्ययन करेगी और उस राज्य सरकार को अवगत कराएगी।
गौरतलब हो कि कैबिनेट की इस बैठक में 29 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिसमें मंईयां सम्मान योजना की राशि को 1000 रुपए से बढ़ाकर सरकार ने 2500 रूपए कर दिया है। साथ ही कैबिनेट ने महागामा, बहरागोड़ा में महिला महाविद्यालय खोलने, पोटका में राजकीय पॉलीटेकनिक बनाने,पारा शिक्षकों की ईपीएफ को लेकर लंबित मांग समेत कई अन्य योजनाओं को मंजूरी दी।