झारखंड बिजली विभाग के खाते से 109 करोड़ की फर्जी निकासी एक सोची समझी साजिश: बाबूलाल मरांडी

Edited By Khushi, Updated: 09 Oct, 2024 06:20 PM

fake withdrawal of rs 109 crore from the account of jharkhand

झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा है। मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हेमंत सरकार में झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खाते...

रांची: झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा है। मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हेमंत सरकार में झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खाते से 109 करोड़ की फर्जी निकासी हुई है जो गंभीर आर्थिक अपराध है।

मरांडी ने कहा कि कुछ अधिकारियों पर केस दर्ज करा कर राज्य सरकार फर्जी निकासी मामले में सीआईडी जांच करने का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में सीआईडी जांच की विश्वसनीयता हमेशा शक- सवालों के घेरे में रही है। सीआईडी जांच करा कर सरकार क्या बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास कर रही है। मरांडी ने कहा कि अरबों रुपए की धोखाधड़ी एवं इसके तार दूसरे राज्यों से जुड़े होने के उछ्वेदन हेतु राज्य सरकार अविलंब उक्त मामले की जांच सीबीआई को सौंपे। मरांडी ने कहा कि राज्य में बैंक कर्मियों और अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचारियों ने बड़े पैमाने पर बिजली विभाग में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। झारखंड में यह नया मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी मिड-डे मील योजना में ठीक इसी तरह का घोटाला सामने आ चुका है। मरांडी ने कहा कि अनौपचारिक रूप से अधिकारियों से हुई बातचीत में यह पता चल रहा है कि करीब 500 करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी संपत्ति का गबन घोटालेबाजों एवं भ्रष्टाचारियों द्वारा किए जाने की संभावना है, जो राज्य सरकार की भ्रष्ट नीतियों और लचर प्रशासन का परिणाम है।

मरांडी ने कहा कि पूरी घटना को क्रमबद्ध तरीके से देखें तो यह बात स्पष्ट होती है कि झारखंड के दूसरे विभागों में भी इस तरह की घोटाले हुए होंगे जो सामने आने बाकी हैं। इसमें बैंक अधिकारी, कर्मचारी तथा दूसरे राज्य के लोग भी मिले हुए हैं इसलिए इसकी जांच सीआईडी या झारखंड पुलिस के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग के मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते। मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले की तुरंत सीबीआई से जांच नहीं कराई तो यह स्पष्ट होगा कि सरकार खुद इस घोटाले को दबाने और दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है। मरांडी ने कहा कि बिना विलंब किए इस मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करना चाहिए ताकि घोटाले में घोटाले बाजों के साथ इस षड्यंत्र में शामिल लोगों का खुलासा हो सके। उन्होंने कहा कि यह भी साफ पता चल रहा है कि ये मनी लांड्रिंग का भी मामला है। इसलिए ईडी के निदेशक से अनुरोध है कि इस मामले को हाथ में लेकर तुरंत जांच शुरू करें। 

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