Edited By Khushi, Updated: 15 Dec, 2025 12:33 PM

Jharkhand Weather: झारखंड की राजधानी रांची में न्यूनतम तापमान, जो बीते दिनों 6 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया था, अब एक बार फिर 10 डिग्री के ऊपर पहुंच गया है। तापमान में इस बढ़ोतरी के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली है।
Jharkhand Weather: झारखंड की राजधानी रांची में न्यूनतम तापमान, जो बीते दिनों 6 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया था, अब एक बार फिर 10 डिग्री के ऊपर पहुंच गया है। तापमान में इस बढ़ोतरी के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली है।
झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में ठंड का असर कुछ कम हुआ
मौसम विभाग के अनुसार यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने की वजह से हुआ है। मौसम विभाग ने बताया कि सिर्फ रांची ही नहीं, बल्कि झारखंड के लगभग सभी जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर होने का असर देखा जा रहा है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पहाड़ी इलाकों में बफर्बारी कम होने के कारण ठंडी हवाएं भी फिलहाल नहीं चल रही हैं, जिससे झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में ठंड का असर कुछ कम हुआ है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे स्थायी राहत नहीं माना जाना चाहिए। यह अभी भी ठंड का मौसम है और सर्दी का प्रकोप बना हुआ है।
नियमित अंतराल पर पानी पीते रहना जरूरी
रांची मौसम केंद्र के अनुसार आने वाले सप्ताह में न्यूनतम तापमान फिर से गिरकर 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। ऐसे में लोगों को असावधान होने के बजाय पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहीं ठंड को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रशासन की ओर से भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी रखने की आवश्यकता है। सुबह टहलने वालों को सलाह दी गई है कि वे बहुत सुबह निकलने के बजाय सूर्य निकलने के बाद ही सैर करें। साथ ही हल्का गर्म पानी पीने, शरीर को गर्म रखने वाले कपड़े पहनने और खान-पान में सावधानी बरतने की अपील की गई है। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी न होने देने पर भी जोर दिया गया है। ठंड के कारण प्यास कम लगती है, लेकिन नियमित अंतराल पर पानी पीते रहना जरूरी है। इधर, ठंड का असर खेती पर भी दिखने लगा है। आलू की फसल में पत्तियां सूखने लगी हैं, जबकि गेहूं की फसल पर पाले का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कुल मिलाकर, भले ही फिलहाल सर्दी से थोड़ी राहत मिली हो, लेकिन मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए सतकर्ता और सावधानी बेहद जरूरी है।