Edited By Khushi, Updated: 30 Jul, 2025 11:47 AM

रांची: झारखंड विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आगामी 9, 10 एवं 11 अगस्त को आयोजित होने वाले 'आदिवासी महोत्सव 2025' को लेकर तैयारियां अपने चरम पर है। 9 से 11 अगस्त तक राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में किया जाएगा।
रांची: झारखंड विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आगामी 9, 10 एवं 11 अगस्त को आयोजित होने वाले 'आदिवासी महोत्सव 2025' को लेकर तैयारियां अपने चरम पर है। 9 से 11 अगस्त तक राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में किया जाएगा। महोत्सव में झारखंड सहित देशभर के 11 राज्यों के जनजातीय कलाकार अपनी पारंपरिक कला और संस्कृति की प्रस्तुतियों से समां बांधेंगे। महोत्सव में जिन राज्यों की सांस्कृतिक मंडलियां भाग लेंगी, उनमें त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, असम, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड शामिल हैं। खास बात यह है कि इस बार बिहार के जनजातीय नृत्य समूह को पहली बार इस आयोजन में शामिल किया गया है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव राजीव लोचन बक्शी ने आज हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता रथ इस आयोजन की भूमिका को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा। बक्शी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में आदिवासी महोत्सव 2025 एक समावेशी और गौरवशाली आयोजन के रूप में उभरने जा रहा है। यह महोत्सव केवल सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक पहचान, एक संघर्ष, एक गर्व का उत्सव है, जिसमें पारंपरिक आदिवासी संस्कृति के साथ-साथ आधुनिकता का भी समावेश देखने को मिलेगा। आदिवासी महोत्सव 2025 के माध्यम से हम आदिवासी संस्कृति, अस्मिता, अधिकार और योगदान से रूबरू हो सकेंगे। इस महोत्सव के माध्यम से राज्य और देश ही नहीं, बल्कि विश्वभर में फैले आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा, लोककला, भाषा, वेशभूषा, और खान-पान को प्रदर्शित कर एक सशक्त सांस्कृतिक संवाद स्थापित करेंगे।
बक्शी ने कहा कि राजधानी रांची के प्रमुख चौराहों, बाजारों, स्कूल-कॉलेजों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में यह रथ घूमेगा। रथ पर पोस्टर, फ्लैक्स के माध्यम से आदिवासी कलाकृतियां तथा सांस्कृतिक संदेश प्रदर्शित किए जाएंगे, जिससे जनता को आदिवासी समुदाय की ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विशेषताओं से परिचित होने का अवसर मिले। रथ यात्रा के माध्यम से लोगों को महोत्सव की तारीख, स्थान, विशेष आकर्षण, आमंत्रित कलाकार और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की जानकारी दी जाएगी। केवल रांची ही नहीं, राज्य के अन्य जिलों में भी यह जागरूकता रथ भ्रमण करेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आयोजन से जुड़ सकें और इसकी गरिमा में वृद्धि हो।