Edited By Khushi, Updated: 25 Jun, 2025 04:18 PM

आजसू पार्टी ने आरोप लगाया है कि झामुमो ने पंचायत और नगर निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की साजिश रची थी, जिसे आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने विफल कर दिया तो झामुमो बौखला गया है और बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
रांची: झारखंड में आजसू पार्टी ने आरोप लगाया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पिछड़ा वर्ग विरोधी है। आजसू पार्टी ने आरोप लगाया है कि झामुमो ने पंचायत और नगर निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की साजिश रची थी, जिसे आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने विफल कर दिया तो झामुमो बौखला गया है और बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
सुदेश महतो ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए हमेशा संघर्ष किया है, जबकि हेमंत सरकार की ओबीसी विरोधी साजिश के कारण पंचायत और नगर निकाय का चुनाव कई वर्षों से नहीं हो पा रहा है। आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो तथा वरिष्ठ नेता एवं झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने संवाददाता सम्मेलन को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि झामुमो का आजसू पर आरोप झूठ का पुलिंदा है। मुंह से बोलने से नहीं चलेगा। तथ्यों के आधार पर झामुमो बात करे और जनता को गुमराह करना बंद करे। डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि सुदेश महतो ने पंचायत में दस हजार पदों पर ओबीसी को आरक्षण दिया था, जिसे इस सरकार ने एकमुश्त समाप्त कर दिया है।
डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि हेमंत सरकार ट्रिपल टेस्ट के बिना ही पंचायत और नगर निकाय चुनाव करवाना चाहती थी, ताकि ओबीसी को आरक्षण नहीं देना पड़े। पंचायत चुनाव को लेकर सुदेश महतो की पहल पर आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सुप्रीम कोर्ट गए और कोर्ट ने निर्देश दिया तब जाकर यह सरकार ओबीसी के लिए ट्रिपल टेस्ट करवा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मार्च 2022 में भी स्पष्ट रूप से कहा था कि ओबीसी आरक्षण की बाध्यता नहीं है जिसका आजसू ने विरोध किया था।