Edited By Khushi, Updated: 18 Aug, 2024 04:40 PM
पश्चिम बंगाल में हुए डॉक्टर की सामूहिक दुष्कर्म एवं निर्मम हत्या को लेकर धनबाद के सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बीते शनिवार को सीएस कार्यालय से विरोध मार्च निकाला।
धनबाद: पश्चिम बंगाल में हुए डॉक्टर की सामूहिक दुष्कर्म एवं निर्मम हत्या को लेकर धनबाद के सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बीते शनिवार को सीएस कार्यालय से विरोध मार्च निकाला।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डीपी भूषण ने कहा कि कोलकाता की घटना मर्माहत करने वाली घटना है और आम लोगों में भी आक्रोश है। घटना के विरोध में डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर है। आईआईटी, आईएसएम ने भी इस प्रोटेस्ट में अपना समर्थन दिया है। डॉ. आशुतोष सिंह ने कहा कि कार्य बहिष्कार का आह्वान आई एम ए और झांसी के संयुक्त तत्वाधान में किया गया है। डॉ. आरती सिंह ने कहा कि चिकित्सकों कि सुरक्षा के लिए अविलम्ब मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू होना चाहिए। झासा के सचिव डॉ. जितेश ने कहा कि डॉक्टरों के साथ बार- बार घटनाएं हो रही है और इसकी रोकथाम के लिए प्रोटेक्शन एक्ट को सरकार अविलंब लागू करे। वहीं, स्वास्थ्य कर्मचारी संजूत सहाय ने कहा कि कोलकाता कि घटना अमानवीय घटना है। स्वास्थ्य कर्मचारी भी डॉक्टरों के समर्थन में हैं। हालांकि कार्य बहिष्कार के दौरान इमरजेंसी सेवा बहाल रखी गई है।
गौरतलब है कि 8 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर महिला डॉक्टर ड्यूटी पर थी। उसके साथ 2 और डॉक्टर थे। रात करीब दो बजे भोजन करने के बाद महिला डॉक्टर सेमिनार हॉल में गयी थी। उसके बाद उसे कहीं नहीं देखा गया। बाद में अस्पताल से उसका शव बरामद किया गया जहां से शव मिला है, वहां बाहरी लोग आना-जाना नहीं करते हैं। महिला डॉक्टर का अर्धनग्न अवस्था में शव मिला था। इस घटना से पूरे देश में बवाल है। कलकता हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।