Edited By Khushi, Updated: 08 Feb, 2025 02:28 PM
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Mainiyaan Samman Yojana: झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मंईयां सम्मान योजना (Mainiyaan Samman Yojana) में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। आए दिन बड़े पैमाने पर इस योजना में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। वहीं, जांच में पाया गया कि कई सरकारी...
Mainiyaan Samman Yojana: झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मंईयां सम्मान योजना (Mainiyaan Samman Yojana) में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। आए दिन बड़े पैमाने पर इस योजना में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। वहीं, जांच में पाया गया कि कई सरकारी कर्मचारियों की पत्नियों और बेटियों के खातों में योजना की राशि भेजी गई है।
रांची में अब तक 12 हजार से अधिक डुप्लीकेसी के मामले पकड़े गए
इतना ही नहीं जांच में यह भी सामने आया है कि राज्य के कई पारा टीचर, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने पात्र न होने पर भी योजना का लाभ लिया। रांची, बोकारो, गढ़वा, पलामू, गिरिडीह समेत राज्य के कई जिलों में डुप्लीकेसी के अधिक मामले सामने आए हैं। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो पहले से सरकार की किसी अन्य पेंशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं या फिर एक ही बैंक खाते में कई लाभुकों के पैसे भेजे जा रहे हैं। रांची की बात करें तो अब तक 12 हजार से अधिक डुप्लीकेसी के मामले पकड़े गए हैं। इनमें शामिल लोग या तो किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ ले रहे हैं या फिर उनके परिवार में कोई सरकारी मानदेय प्राप्त कर रहा है, जिससे वे इस योजना के लिए पात्र नहीं थे।
सत्यापन में 60 हजार अपात्र लाभुकों के नाम सूची से हटाए गए
रांची के रातू प्रखंड में एक कंप्यूटर ऑपरेटर पकड़ा गया है, जिसने नियमों का उल्लंघन कर अपात्र व्यक्तियों के नाम जोड़े थे। इस गड़बड़ी का खुलासा जांच के दौरान हुआ, जब पता चला कि पहली किस्त के पैसे गलत तरीके से एक खाते में भेजे गए थे। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस ऑपरेटर से पूरी राशि वसूल कर ली। अब तक किए गए सत्यापन में 60 हजार अपात्र लाभुकों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जबकि 15 हजार नामों को होल्ड पर रखा गया है। जिन नामों को होल्ड पर रखा गया है, उनकी जमीनी स्तर पर पुनः जांच की जाएगी। यदि वे भी अपात्र पाए जाते हैं, तो उन्हें भी सूची से हटा दिया जाएगा। वहीं, सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 20 फरवरी तक सत्यापन कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। सत्यापन कार्य के कारण ऑफलाइन आवेदनों की प्रक्रिया धीमी हो गई है। सत्यापन के बाद दोषियों से सूद समेत पूरी राशि वसूल की जाएगी।