Edited By Harman, Updated: 31 Dec, 2024 10:16 AM
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन (इकोटूरिज्म) की विशाल संभावनाओं पर जोर देते हुए अधिकारियों को इसे बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने का सोमवार को निर्देश दिया।
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन (इकोटूरिज्म) की विशाल संभावनाओं पर जोर देते हुए अधिकारियों को इसे बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने का सोमवार को निर्देश दिया।
मुख्य सचिव अलका तिवारी, वन एवं पर्यावरण सचिव अबू बकर सिद्दीकी और पर्यटन सचिव मनोज कुमार की मौजूदगी वाली बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोरेन ने अधिकारियों से राज्य में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने का खाका तैयार करने को कहा। लगभग 33 फीसदी वन क्षेत्र के साथ झारखंड में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिसमें जंगलों की सैर, ट्रैकिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी गतिविधियां शामिल हैं, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों के लिए स्वर्ग बनाती है।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने एक बयान में कहा, “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को झारखंड में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के विकास के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इसे इस तरह विकसित किया जाना चाहिए कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले।”
बयान के मुताबिक, सोरेन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन इसकी प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने तथा स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने उपयुक्त जगहों की पहचान के लिए वन, पर्यावरण और पर्यटन विभाग के बीच समन्वय की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि ये स्थान स्थानीय निवासियों के लिए स्थायी आजीविका प्रदान कर सकते हैं।
बयान के अनुसार, सोरेन ने कहा कि झारखंड में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन की व्यापक संभावनाएं राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलाने में कारगर साबित हो सकती हैं। उन्होंने अधिकारियों से झारखंड में सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने के लिए अन्य राज्यों और देशों के सफल पर्यावरण अनुकूल पर्यटन मॉडल का अध्ययन करने का आग्रह किया। सोरेन ने पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करने और भावी पीढ़ियों की खातिर राज्य की प्राकृतिक विरासत को सहेजने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।