झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की पहली बैठक, CM हेमंत ने 17 बिंदुओं पर चर्चा के साथ दिए दिशा-निर्देश

Edited By Khushi, Updated: 07 Dec, 2024 10:28 AM

the first meeting of the council of ministers was held in jharkhand ministry

झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बीते शुक्रवार को यहां मंत्रिपरिषद की पहली बैठक सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार के सभी मंत्री...

रांची: झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बीते शुक्रवार को यहां मंत्रिपरिषद की पहली बैठक सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार के सभी मंत्री गणों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के संपादन के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परामर्श दिया गया।

सीएम हेमंत ने कहा कि सभी मंत्रीगण सरकार के इस कार्यकाल में वर्णित इन तथ्यों का विशेष ध्यान रखेंगे। मंत्रिपरिषद में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि, ससमय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव आ सके। सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर फीडबैक लें। विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें। वैसी योजनाएं जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें। कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें। राज्य में आपके विभाग के योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, एससी/एसटी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें। सोरेन ने कहा कि वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएं हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें। भवन जैसे आधारभूत संरचना वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि, बना हुआ भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके।

सोरेन ने कहा कि अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाय। वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार करें। अधिनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें। पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर एडजस्टमेंट करें। आप्त सचिव तथा निजी स्टाफ रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें। कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस कम से कम हारे। अपने विधान-सभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहां की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें। क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में फीडबैक प्राप्त करें और माननीय मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो। सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे। सोरेन ने कहा कि दो माह के अंतराल अपने-अपने जिला और विभागीय स्तर से समीक्षा बैठक कर और राज्य स्तर में भी समीक्षा बैठक कर उसकी रिपोर्ट तैयार करें और अपने-अपने विभाग को हम कैसे दुरुस्त करें इसकी योजना बनाएं। इस सरकार को जो 5 वर्ष का कार्यकाल मिला है वह झारखंड की जनता के लिए एक स्वर्णिम कार्यकाल होगा।

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