Edited By Khushi, Updated: 08 Apr, 2024 03:10 PM
दुमका लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन संबंधित पूछे गए सवाल पर बसंत सोरेन ने कहा कि सीता सोरेन घर पर उनकी भाभी हैं, न कि चुनावी मैदान में।
दुमकाः झामुमो नेता और राज्य सरकार के मंत्री बसंत सोरेन बीते रविवार को जामताड़ा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। दुमका लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन संबंधित पूछे गए सवाल पर बसंत सोरेन ने कहा कि सीता सोरेन घर पर उनकी भाभी हैं, न कि चुनावी मैदान में। परिवार और पार्टी में सीता सोरेन को सम्मान नहीं मिलने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल में मंत्री बसंत सोरेन ने कहा कि पार्टी और परिवार ने 15 साल विधायक बनाकर सीता सोरेन को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने 3 बार उन्हें विधायक बनाया और सम्मान देने का काम किया।
"BJP ने एक साजिश के तहत हेमंत सोरेन को जेल भेजा है"
दरअसल, जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेने के बाद पार्टी के घोषित प्रत्याशी नलिन सोरेन बीते रविवार को दुमका पहुंचे। उनके साथ चंपाई सोरेन मंत्रिमंडल के पथ निर्माण मंत्री और शिबू सोरेन के छोटे पुत्र बसंत सोरेन और पार्टी के वरिष्ठ विधायक प्रो स्टीफन मरांडी भी दुमका पहुंचे। दुमका लोकसभा क्षेत्र के जामताड़ा से दुमका तक विभिन्न स्थानों पर जेएमएम कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रत्याशी नलिन सोरेन और झामुमो नेताओं का स्वागत किया। इस दौरान बसंत सोरेन ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने एक साजिश के तहत हेमंत सोरेन को जेल भेजा है और घर तोड़ कर सोचा कि दुबारा दुमका सीट जीत लेंगे, लेकिन दुमका सीट झारखंड के राजनीति की धुरी है। जेएमएम कार्यकर्ताओं के लिए यह सीट उनके मान- सम्मान से जुड़ा हुआ है। राज्य के 14 सीटों में दुमका सीट का एक अलग महत्व है। दुमका की जनता के फैसले पर पूरे देश के साथ विशेष कर केंद्र सरकार की नजर है। बसंत सोरेन ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन को दुमका से जेएमएम का प्रत्याशी बनाया है। इसलिए पार्टी की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए कार्यकर्ताओं को उसी जोश के साथ काम करने को करना होगा ,जैसे वे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के मान-सम्मान के लिए चुनाव में उत्साह दिखाते रहे हैं। ताकि हर हाल में दुमका सीट पर जेएमएम अपनी विजय पताका फहरा सके।
"चुनाव मैदान में न कोई चाचा-भतीजा और देवर-भाभी नहीं होता है"
मंत्री बसंत सोरेन ने मीडिया कर्मियों के एक सवाल पर कहा कि चुनाव मैदान में न कोई चाचा-भतीजा और देवर-भाभी नहीं होता है। चुनावी जंग जनता के मुद्दों पर होती है जिसमें जनता फैसला ही सर्वोपरि होता है। उन्होंने कहा कि दुमका की जनता के फैसले पर पूरे देश के की नजर रहती है। उन्होंने बीजेपी के गोड्डा सांसद की ओर से उनके बसंत के अगले कुछ महीने में पार्टी छोड़ने से संबंधित हाल में दिये गये बयान पर कहा कि बीजेपी सांसद के अनर्गल बयान का जनता कोई नोटिस नहीं लेती है। सीता सोरेन की ओर दुर्गा सोरेन की मौत की जांच के मांग पर बसंत ने कहा कि वो 15 साल तक विधायक रही है, उनके ये बात उस समय उठानी चाहिए थी, उस समय नहीं बोला गया, आज दूसरी पार्टी में चली गई तो बोल रही हैं, इससे समझा जा सकता है कि वो कौन लोग है और उनकी क्या मंशा है। बसंत सोरेन ने कहा कि सीता सोरेन परिवार की नहीं हुई तो जनता की क्या होगी।
"BJP को हराने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं"
उधर, झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में दुमका में बीजेपी को हराने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन के साथ पारिवारिक रिश्ता जो भी हो, लेकिन चुनाव मैदान हम बीजेपी को हराने के लिए उतरे हैं। गुरुजी का आशीर्वाद मेरे साथ है।