Edited By Ramanjot, Updated: 21 Feb, 2025 11:26 AM
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बिहार में अब विद्यालयों का निरीक्षण आउटसोर्स या संविदा कर्मियों द्वारा नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने 20 फरवरी को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया।
पटना: बिहार में अब विद्यालयों का निरीक्षण आउटसोर्स या संविदा कर्मियों द्वारा नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने 20 फरवरी को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब केवल विभाग के नियमित पदाधिकारी ही विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। नए निर्देश के अनुसार, निरीक्षण का कार्य जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक (बीईपी) और सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी करेंगे।
अपर मुख्य सचिव खुद करेंगे स्कूलों का चयन
विद्यालयों के निरीक्षण के लिए अपर मुख्य सचिव स्वयं चयन करेंगे। हर निरीक्षण के लिए चुने गए विद्यालयों की सूची संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण से एक दिन पहले रात 9 बजे तक मोबाइल पर भेजी जाएगी। शिक्षा विभाग ने पाया कि पिछले निरीक्षणों में कई फर्जी रिपोर्ट भेजी गईं। स्थलीय जांच में भी निरीक्षण रिपोर्ट और वास्तविक स्थिति में भारी अंतर मिला। इसे रोकने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। सभी अधिकारियों को हर महीने कम से कम 25 विद्यालयों का औचक निरीक्षण करना होगा। यदि निरीक्षण रिपोर्ट फर्जी या भ्रामक पाई गई तो संबंधित पदाधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।