Edited By Ramanjot, Updated: 14 Feb, 2025 09:02 AM
![bihar now the roads of villages will also become hi tech and strong](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_08_53_323589967nitishcabinetmeeting.jp-ll.jpg)
:बिहार सरकार ने “मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना” के तहत राज्य के 37 जिलों में 17,266 करोड़ रुपये की लागत से 11,251 सड़कों के पुनर्निर्माण, उन्नयन और नवीनीकरण की मंजूरी दी है।
पटना:बिहार सरकार ने “मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना” के तहत राज्य के 37 जिलों में 17,266 करोड़ रुपये की लागत से 11,251 सड़कों के पुनर्निर्माण, उन्नयन और नवीनीकरण की मंजूरी दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बेहतर सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इस परियोजना में रखरखाव और प्रबंधन कार्य भी शामिल हैं, जो अगले 7 वर्षों तक जारी रहेगा।
योजना का व्यापक विस्तार
राज्य में बनने वाली सड़कों की कुल लंबाई 19,867 किलोमीटर होगी। इस योजना के तहत सड़कों के निर्माण के साथ-साथ इनका मेंटेनेंस भी ठेकेदार कंपनियों द्वारा सात साल तक किया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया।
हर जिले को मिलेगा विशेष बजट
प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें लंबाई, लागत और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है। प्रमुख जिलों की परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
- गया: 629 सड़कें | 1241.99 किमी | ₹955.75 करोड़
- पटना: 541 सड़कें | 790.76 किमी | ₹678 करोड़
- मुजफ्फरपुर: 614 सड़कें | 992.92 किमी | ₹732.99 करोड़
- मधुबनी: 706 सड़कें | 1236.97 किमी | ₹1221.42 करोड़
- औरंगाबाद: 576 सड़कें | 1251.86 किमी | ₹1125.15 करोड़
- दरभंगा: 474 सड़कें | 728.68 किमी | ₹712.14 करोड़
- भागलपुर: 244 सड़कें | 360.28 किमी | ₹304.34 करोड़
- सीवान: 416 सड़कें | 622.53 किमी | ₹603.12 करोड़
बिहार में ग्रामीण विकास को मिलेगी रफ्तार
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना से राज्य के ग्रामीण इलाकों में यातायात सुगम होगा और लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी। इस योजना से कृषि, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना के जरिए गांवों को शहरों से जोड़ा जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं खुलें।