Bihar Police: सजा दिलाने में भी रिकॉर्ड बना रही बिहार पुलिस! 6 महीने में 64 हजार से ज्यादा को सजा, 3 को फांसी

Edited By Swati Sharma, Updated: 12 Aug, 2025 02:19 PM

bihar police is making records even in getting punishment

Bihar Police: बिहार पु​लिस अब सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाकर सजा दिलाने में भी देश में मिसाल कायम कर रही है। जनवरी से जून 2025 के बीच 64,098 आरोपियों को सजा दिलाई गई। इनमें 3 को मौत की सजा, 601...

Bihar Police: बिहार पु​लिस अब सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाकर सजा दिलाने में भी देश में मिसाल कायम कर रही है। जनवरी से जून 2025 के बीच 64,098 आरोपियों को सजा दिलाई गई। इनमें 3 को मौत की सजा, 601 को उम्रकैद और 307 को 10 साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई। सबसे खास बात ये है कि सिर्फ 6 महीने में 56,897 आरोपियों को शराबबंदी कानून में जेल भेजा गया।

हत्या में 611 को सजा, 3 को फांसी
राज्यभर में हत्या के मामलों में 611 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। इनमें मधुबनी के 2 और कटिहार के 1 आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई। उम्रकैद पाने वालों में पटना सबसे आगे 35 लोगों पर दोष सिद्ध हुए। इसके बाद छपरा में 34, मधेपुरा में 33, शेखपुरा में 32 और बेगूसराय 31 लोगों को उम्र कैद की सजा हुई।

मामले जल्‍द निपटाना हमारी प्राथमिकता : डीजीपी
डीजीपी विनय कुमार ने जानकारी दी कि हत्या, आर्म्स एक्ट और अन्य संगीन अपराधों में गवाहों को समय पर कोर्ट में पेश कराने पर फोकस किया है। इसके लिए ऑनलाइन माध्यम भी अपनाया जा रहा है। स्पीडी ट्रायल वाले मामलों में केस लंबा न चले, यही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय की ओर से लगातार केसों को लेकर सख्त मॉनिटरिंग की जा रही है। जिससे गवाहों की 100 फीसद उपस्थिति सुनिश्चित हो। जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने में सफल हो रही है।

10 साल से ज्यादा की सजा पाने वालों में भोजपुर सबसे ऊपर
आर्म्स एक्ट में 231
रेप मामलों में 122
मादक पदार्थ तस्करी में 284
पॉक्सो एक्ट में 154
एससी-एसटी एक्ट में 151 आरोपियों को सजा

शराबबंदी कानून सबसे बड़ा कारण
बिहार पुलिस की ओर से 64 हजार से ज्यादा सजा शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों में दिलवाई। यह संख्या कुल मामलों में 89 फीसद की हिस्सेदारी है। बताते चलें कि शराब के सबसे ज्यादा मामले मोतिहारी, गया, पटना, भोजपुर, छपरा, नालंदा, बक्सर, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, गोपालगंज, सीवान, सुपौल से हैं।

सुनवाई के दौरान बहाना बनाने वालों पर हो रही कार्रवाई
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग उन लोगों पर भी कार्रवाई कर रहा है, जो गवाही के वक्त कोर्ट पहुंचने में देरी कर रहे हैं या तारीख पर नहीं पहुंच रहे। उन्होंने कहा कि विभाग ऐसे लापरवाह इंवेस्टिगेशन ऑफिसर, थाना प्रभारी पर भी सख्ती बरत रहा है। डीजीपी ने बताया कि ऐसे अधिकारी, गवाह और डॉक्टर हैं जो बहाने बना कर सुनवाई के दौरान तारीख पर कोर्ट नहीं पहुंचते हैं। जिससे कोर्ट को फैसला सुनाने में होती है, विभाग उन पर भी सख्त कार्रवाई कर रहा है। यही वो कारण हैं, जिनसे सजाओं की रफ्तार तेज हुई है।

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