Edited By Swati Sharma, Updated: 06 Feb, 2025 12:17 PM
Bihar Politics: बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य-कृषि मंत्री मंगल पांडेय (Minister Mangal Pandey) ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जातीय उन्माद पैदा कर समाज के माहौल को अशांत...
Bihar Politics: बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य-कृषि मंत्री मंगल पांडेय (Minister Mangal Pandey) ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जातीय उन्माद पैदा कर समाज के माहौल को अशांत करना चाहते हैं और वह प्रदेश में हुए जातीय जनगणना का ‘क ख ग' भी नहीं जानते हैं।
कांग्रेस का इतिहास दलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा तथा आरक्षण विरोधी रहा- मंगल पांडेय
पांडेय ने बुधवार को आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास दलित,पिछड़ा, और अतिपिछड़ा तथा आरक्षण विरोधी रहा है। उन्होंने गांधी के जातिगत जनगणना पर दिये गये बयान पर पलटवार करते हुये कहा कि दलितों पर घड़ियाली आंसू बहा रहे गांधी ने कुछ महीने पहले अमेरिका में दलितों, पिछड़ों के आरक्षण को खत्म कर देने का बयान दिया था। पटना आकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी जातीय उन्माद पैदा कर समाज के माहौल को अशांत करना चाहते है। गांधी राज्य में हुए जातीय जनगणना का कखग भी नहीं जानते।
'कांग्रेस यदि देश और प्रदेश की सत्ता में आई तो...भाजपा नेता
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि दलितों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांगेस का दलितों के कोटे से चार प्रतिशत आरक्षण की कटौती कर अल्पसंख्यकों को देने के मंसूबे का पर्दाफाश हो चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यदि देश और प्रदेश की सत्ता में आई तो अपने एजेंडे के तहत पिछड़ों, अतिपिछड़ों, आदिवासियों के आरक्षण को छीन लेगी। नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक की कांग्रेस आरक्षण विरोधी ही रही है। नेहरू मानते थे कि आरक्षण देने से सरकारी सेवाओं का स्तर गिर जाएगा। यही कारण था कि केंद्र की कांग्रेस सरकारों ने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट खारिज की और मंडल आयोग की रिपोर्ट को दस साल तक दबाये रखा।
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने का विरोध संसद में खड़े होकर किया था। राहुल गांधी आज किस मुंह से देश में जातीय सर्वे कराने की बात कर रहे हैं। गांधी बताएं कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 2015 में जो जातीय सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट दस साल से सार्वजनिक क्यों नहीं हो पाई? इसका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिये।