"डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने मृदा स्वास्थ्य योजना की समीक्षा में दिए अहम निर्देश"

Edited By Ramanjot, Updated: 08 Apr, 2025 08:55 PM

deputy cm vijay sinha reviewed the soil health scheme

उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार, विजय कुमार सिन्हा द्वारा आज कृषि भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय कक्ष से मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना समीक्षा की गई।

पटना: उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार, विजय कुमार सिन्हा द्वारा आज कृषि भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय कक्ष से मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना समीक्षा की गई। इस बैठक में सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल उपस्थित रहे।
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जिला स्तर पर 38 मिट्टी जाँच प्रयोगशाला, अनुमंडल स्तर पर 14 अनुमण्डल स्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला एवं प्रमंडल स्तर पर 09 चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। रेफरल प्रयोगशाला के रूप में डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर तथा केन्द्रीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, बिहार, पटना अधिसूचित है। इसके अतिरिक्त रोजगार के अवसर एवं मृदा जाँच की व्यवस्था को सुगम बनाने हेतु 72 ग्राम स्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशालाएं स्थापित हैं।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5.00 लाख मिट्टी नमूनों के संग्रहण हेतु निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 5.00 लाख मिट्टी नमूनों की प्रयोगशाला में अधिप्राप्ति एवं 4.94 लाख मिट्टी नमूनों का विश्लेषण किया जा चुका है तथा किसानों को 5.03 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि मिट्टी जाँच प्रयोगशाला के विकेन्द्रीकरण की दिशा में विŸाीय वर्ष 2024-25 में दरभंगा के बेनीपुर, पूर्णियाँ के बायसी, सिवान के महाराजगंज, बेगूसराय के बखरी, बक्सर के डुमरांव, औरंगाबाद के दाउदनगर, प0 चम्पारण के बगहा, सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर, मुजफ्फरपुर के मुजफ्फरपुर पश्चिमी, नालन्दा के राजगीर एवं समस्तीपुर के रोसड़ा अनुमण्डल में 11 अतिरिक्त अनुमंडल स्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। 

उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री के द्वारा चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं के परिचालन के अनुश्रवण को सशक्त बनाने हेतु मुख्यालय स्तर से रैंडम वाह्टस ऐप पर वीडियो कॉल कर चलंत मिट्टी जाँच प्रयोगशाला की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त करते रहने का निदेश दिया गया। साथ ही 72 ग्राम स्तरीय मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं की सूची उपलब्ध कराने एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में विश्लेषित किये गये मिट्टी नमूनों के फलाफल एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर पंचायत एवं ग्राम स्तर पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रति जागरूक करने का भी निदेेश दिया गया।

सिन्हा ने मिट्टी जाँच के महत्व पर बल देते हुए कहा कि मृद्रा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाये, जिससे किसानों को उनकी भूमि की उर्वरता के अनुसार फसल चयन और उर्वरक उययोग की जानकारी समय पर मिले। आज समय की माँग है कि कम-से-कम लागत में अधिक-से-अधिक गुणवत्तायुक्त पैदावर हो, जिससे किसानों की आमदनी बढ़े। यदि मिट्टी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा, तभी हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। पूर्वजों के द्वारा जो परम्परागत कृषि पद्धति अपनाई जाती थी, उससे खेती की मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती थी।

और ये भी पढ़े

    इस बैठक में कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक, पौधा संरक्षण डॉ. प्रमोद कुमार, संयुक्त निदेशक (रसायन), मिट्टी जाँच प्रयोगशाला, बिहार विनय कुमार पाण्डेय सहित विभागीय पदाधिकारियों ने भाग लिया।

    Let's Play Games

    Game 1
    Game 2
    Game 3
    Game 4
    Game 5
    Game 6
    Game 7
    Game 8

    Related Story

      Trending Topics

      IPL
      Delhi Capitals

      Rajasthan Royals

      Teams will be announced at the toss

      img title
      img title

      Be on the top of everything happening around the world.

      Try Premium Service.

      Subscribe Now!