2019 में अलीपुरद्वार में BJP ने TMC को दी थी मात, अब 5 सीटों पर ममता के सामने है पहाड़ जैसी चुनौती

Edited By Ramanjot, Updated: 10 Apr, 2021 09:48 AM

direct fight between bjp and tmc in 5 seat of alipurdwar district

अलीपुरद्वार की 5 सीटों पर भी 10 अप्रैल को मतदान जारी है। गौरतलब है कि अलीपुरद्वार का इलाका भी उत्तर बंगाल के हिस्से में आता है। अलीपुरद्वार जिले की 5 विधानसभा सीट पर टीएमसी और बीजेपी में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में...

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के तहत 44 सीटों पर 10 अप्रैल को मतदान जारी है। चौथे चरण में कूचबिहार,अलीपुरद्वार, साउथ 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिले की 44 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। चौथे चरण में दक्षिण बंगाल के हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और हुगली में मतदान चल रहा है। वहीं उत्तर बंगाल के अलीपुरदुआर तथा कूचबिहार में भी बड़े उत्साह से लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
PunjabKesari
अलीपुरद्वार की 5 सीटों पर भी 10 अप्रैल को मतदान जारी है। गौरतलब है कि अलीपुरद्वार का इलाका भी उत्तर बंगाल के हिस्से में आता है। अलीपुरद्वार जिले की 5 विधानसभा सीट पर टीएमसी और बीजेपी में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अलीपुरद्वार की जनता ने तृणमूल कांग्रेस को सिरे से खारिज कर दिया था। यही वजह है कि इस लोकसभा सीट पर बहुत बड़े मार्जिन से बीजेपी कैंडिडेट ने जीत हासिल की थी। 2021 के विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी 2019 के ट्रेंड को कायम रखने की रणनीति पर काम कर रही है। वहीं ममता दीदी ने अलीपुरद्वार में बीजेपी की बढ़त को काटने के लिए एड़ी चोटी की ताकत लगाई है।
PunjabKesari
2016 तक अलीपुरद्वार में तृणमूल कांग्रेस की सियासी जमीन बेहद मजबूत थी, लेकिन 2018 के पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की वजह से लोगों में सत्ताधारी दल को लेकर भारी नाराजगी कायम हो गई थी। इसका नतीजा ये हुआ कि अलीपुरद्वार लोकसभा सीट ममता दीदी के हाथ से फिसल कर मोदी दादा के झोली में जा गिरी। 2019 के लोकसभा चुनाव में अलीपुरद्वार सीट पर बीजेपी के कैंडिडेट जॉन बरला को 7 लाख 50 हजार 804 वोट मिले। वहीं तृणमूल कांग्रेस के कैंडिडेट दशरथ तिर्की को 5 लाख 6 हजार 815 वोट ही मिल पाए। इस लिहाज से बीजेपी के कैंडिडेट जॉन बरला ने तृणमूल कांग्रेस के कैंडिडेट दशरथ तिर्की को 2 लाख 43 हजार 989 वोटों के बड़े भारी अंतर से मात देने में कामयाबी हासिल की थी। वहीं जॉन बरला ने 2019 के चुनाव में 54.40 फीसदी वोट हासिल किया था, जबकि तृणमूल कांग्रेस को अलीपुरद्वार में महज 36.72 वोट ही मिल पाया था। इस लिहाज से अलीपुरद्वार में बीजेपी ने टीएमसी के मुकाबले 17.68 फीसदी ज्यादा वोट हासिल किया था। तृणमूल कांग्रेस के लिए 2021 के विधानसभा चुनाव में इतने बड़े मार्जिन को भरना काफी कठिन चुनौती है।
PunjabKesari
वहीं अलीपुरद्वार के चुनावी दशा दिशा तय करने में अनुसूचित जाता और जनजाति के वोटरों की भूमिका निर्णायक है। यहां अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या 37.7 फीसदी है जबकि अनुसूचित जनजाति के वोटरों की संख्या 18.9 फीसदी है। वहीं अलीपुरद्वार में मुस्लिम वोटरों की आबादी 11.5 फीसदी,ईसाई वोटरों की आबादी 4.8 फीसदी और बोद्धों की आबादी 1.3 फीसदी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जाति और जनजाति का समर्थन बीजेपी को मिला था। वहीं इस सामाजिक समूह के वोटरों का रूझान टीएमसी के प्रति कम हो गया था। इस बार तृणमूल कांग्रेस के सामने अनुसूचित जाति और जनजाति के समाज के वोटरों का रिझाने की चुनौती है। वैसे तो ममता दीदी ने इस सामाजिक समूह को लुभाने के लिए घोषणा पत्र में तरह तरह के वादे किए हैं। वहीं बीजेपी ने भी अपने मैनिफेस्टो में वोटरों को लुभाने के लिए बड़े बड़े वादे किए हैं। अब दो मई को आने वाले चुनावी नतीजों से ही पता चल पाएगा कि अलीपुरद्वार की जनता ने किस पार्टी के वादे पर भरोसा जताया है।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!