Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Jun, 2025 05:50 PM

Govindganj Assembly Seat: बिहार के दो सौ 43 विधानसभा सीटों में से गोविन्दगंज भी एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है.....गोविन्दगंज विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले के अंर्तगत आता है। परिसीमन के बाद गोविन्दगंज सीट के तहत अरेराज,पहाड़पुर,पश्चिम...
Govindganj Assembly Seat: बिहार के दो सौ 43 विधानसभा सीटों में से गोविन्दगंज भी एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है.....गोविन्दगंज विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले के अंर्तगत आता है। परिसीमन के बाद गोविन्दगंज सीट के तहत अरेराज,पहाड़पुर,पश्चिम संग्रामपुर,पूर्वी संग्रामपुर और दक्षिणी बरैया का इलाका आता है। गोविन्दगंज विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट के तहत आता है। बता दें कि यह सीट 1951 से अस्तित्व में है। 1951 में इस सीट पर पहली बार हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार श्योधारी पांडे ने जीत हासिल की थी। वहीं 1957,1962 और 1967 में कांग्रेस ने ध्रुव नारायण मणि त्रिपाठी ने गोविन्दगंज सीट से जीत हासिल की थी। 1969 में भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार हरिशंकर शर्मा ने पहली बार गोविन्दगंज सीट पर जीत का परचम लहराया था। 1972,1977 और 1980 में गोविन्दगंज सीट पर रमाशंकर पांडे ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी।
1985 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से निर्दलीय कैंडिडेट योगेंद्र पांडे को जनता ने विधानसभा भेजा था। 1990 में भी योगेंद्र पांडे ने ही फिर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार वे जनता दल की टिकट से चुनाव लड़े थे। 1995 में इस सीट पर समता पार्टी के कैंडिडेट देवेंद्र नाथ दुबे ने जीत हासिल की थी। वहीं 1998 के उपचुनाव में समता पार्टी कैंडिडेट भूपेंद्र नाथ दुबे को यहां से जीत मिली थी तो 2000 के विधानसभा चुनाव में यहां से निर्दलीय कैंडिडेट राजन तिवारी को जीत मिली थी। वहीं फरवरी और नवंबर 2005 में हुए दो बार के विधानसभा चुनाव से जेडीयू कैंडिडेट मीना द्विवेदी ने जीत हासिल की थी तो 2010 के विधानसभा चुनाव में यहां से जेडीयू कैंडिडेट मीना द्विवेदी ने एक बार फिर जीत हासिल की। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में गोविन्दगंज से लोक जनशक्ति पार्टी कैंडिडेट राजू तिवारी को जीत मिली थी। 2020 के चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट सुनील मणि तिवारी ने जीत हासिल की थी।
Govindganj Assembly Seat Result 2020।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
2020 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनील मणि तिवारी ने जीत हासिल की थी। सुनील मणि तिवारी 65 हजार सात सौ 16 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट ब्रजेश कुमार 37 हजार नौ सौ 36 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे तो लोजपा कैंडिडेट राजू तिवारी 31 हजार चार सौ 61 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Govindganj Assembly Seat Result 2015।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी कैंडिडेट राजू तिवारी ने जीत हासिल की थी। राजू तिवारी को 74 हजार छह सौ 85 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट ब्रजेश कुमार ने 46 हजार सात सौ 65 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। .इस तरह लोजपा कैंडिडेट राजू तिवारी ने कांग्रेस कैंडिडेट ब्रजेश कुमार को 27 हजार नौ सौ 20 वोट के अंतर से हराया था। वहीं नोटा को 3 हजार 441 वोट मिले थे और इस तरह से नोटा तीसरे स्थान पर रहा था।

Govindganj Assembly Seat Result 2010।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं साल 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जेडीयू कैंडिडेट मीना द्विवेदी ने लोजपा उम्मीदवार राजू तिवारी को मात दे दी थी। मीना द्विवेदी ने 33 हजार आठ सौ 59 वोट हासिल किया था, जबकि लोजपा कैंडिडेट राजू तिवारी को 25 हजार चार सौ 54 वोट मिला था। इस तरह से मीना द्विवेदी ने राजू तिवारी को 8 हजार चार सौ पांच वोट से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश पांडे 13 हजार 71 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Govindganj Assembly Seat Result 2005।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जेडीयू कैंडिडेट मीना द्विवेदी ने लोजपा कैंडिडेट राजन तिवारी को हराया था। मीना द्विवेदी ने 35 हजार सात सौ 43 वोट हासिल किया था, जबकि लोजपा कैंडिडेट राजन तिवारी को 19 हजार सात सौ 22 वोट मिला था। इस तरह से मीना द्विवेदी ने राजन तिवारी को 16 हजार 21 वोट के बड़े मार्जिन से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट शशिभूषण राय ने 15 हजार चार सौ 23 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

गोविन्दगंज सीट पर इस बार राजन तिवारी भी चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। वहीं सुनील मणि तिवारी भी इस सीट पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए ये देखना अहम होगा कि इस बार बीजेपी गोविन्दगंज सीट से किस नेता को अपना उम्मीदवार बनाएगी। वैसे अगर पुराने आंकड़ों को देखकर यही लगता है कि इस सीट पर एनडीए की स्थिति मजबूत लग रही है।