Edited By Ramanjot, Updated: 24 Mar, 2025 01:44 PM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपराध और उग्रवाद पर काबू पाने के लिए जिस दूरदर्शी रणनीति को अपनाया है, उसका असर अब साफ नजर आने लगा है। बिहार पुलिस ने एक जनवरी 2025 से अब तक की गई कार्रवाई के दौरान उग्रवाद और संगठित अपराध पर...
Bihar Police: बिहार में विशेष कार्यबल (STF) और जिला पुलिस के संयुक्त अभियानों के चलते उग्रवादी गतिविधियां अब खड़गपुर और छक्कबरबंधा के कुछ सीमित पहाड़ी क्षेत्रों तक सिमट कर रह गई हैं। बिहार में कानून का राज स्थापित करने की दिशा में बिहार पुलिस की ओर से लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपराध और उग्रवाद पर काबू पाने के लिए जिस दूरदर्शी रणनीति को अपनाया है, उसका असर अब साफ नजर आने लगा है। बिहार पुलिस ने एक जनवरी 2025 से अब तक की गई कार्रवाई के दौरान उग्रवाद और संगठित अपराध पर सख्त नियंत्रण पाने में सफलता हासिल की है। एसटीएफ द्वारा गठित विशेष जांच इकाइयों, अभियान दलों और ‘चीता' टीमों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों के समन्वय में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि आगामी तीन महीनों में शेष बचे इलाकों से भी उग्रवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
संगठित अपराध के विरुद्ध राज्य पुलिस का अभियान तेज
उग्रवादी संगठनों की रीढ़ तोड़ने के लिए शीर्ष कमांडरों की गिरफ्तारी, 15 लाख के इनामी विवेक यादव की संदिग्ध मृत्यु और जमानत पर रिहा उग्रवादियों, उनके संरक्षकों और आर्थिक मददगारों पर कड़ी निगरानी की जा रही है। झारखंड की सीमा से लगे जंगली इलाकों में अंतरराज्यीय समन्वय के जरिए कार्रवाई की जा रही है, ताकि नक्सली नेटवर्क फिर से संगठित न हो सके। संगठित अपराध के विरुद्ध भी राज्य पुलिस का अभियान तेज हो चुका है। एसटीएफ में क्षेत्रवार 15 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप सक्रिय हैं, जो संगठित गिरोह, हथियार तस्करों और अंतरराज्यीय अपराध नेटवर्क पर कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य में घटी बड़ी आपराधिक घटनाओं और समाज पर असर डालने वाली वारदातों का विस्तृत डाटाबेस तैयार किया गया है। इसके आधार पर सूचना आधारित अभियान चलाए जा रहे हैं।
एक नई नीति लागू करने जा रही है सरकार
प्रत्येक ग्रुप और संबंधित सेल में तकनीकी शाखा और डेटा विश्लेषण इकाइयां कार्यरत हैं, जो टॉप 10 और टॉप 20 अपराधियों की सूची तैयार कर उन पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। पुलिस अब उन अपराधियों पर भी नजर रख रही है जो जेल में बंद रहते हुए या राज्य से बाहर रहकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे नेटवर्क को तोड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अररिया और मुंगेर में पुलिस पर हुए हमले के मामलों में आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया गया, जिनमें कुछ मामलों में मुठभेड़ भी हुई। हथियारों के अवैध धंधे और फर्जी दस्तावेजों के जरिए चलने वाले हथियार व्यापारियों पर विशेष अभियान चलाकर बड़ी सफलता हासिल की गई है। गोली की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क पर भी कार्रवाई जारी है। इस सिलसिले में सरकार एक नई नीति लागू करने जा रही है, जिसके तहत गोली के क्रय-विक्रय पर सख्त नियंत्रण रहेगा।