Edited By Ramanjot, Updated: 18 Mar, 2025 10:06 PM

बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग अपनी भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर अब सख्त हो गया है। विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और विभागीय अभियंताओं को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि जल संसाधन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने वालों...
पटना: बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग अपनी भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर अब सख्त हो गया है। विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और विभागीय अभियंताओं को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि जल संसाधन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रधान सचिव ने विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं को आदेश दिया है कि वे विभागीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराएं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई शिकायतों पर तत्काल विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करें।
बिहार सिंचाई अधिनियम, 1997 और बिहार सिंचाई, बाढ़ प्रबंधन एवं जल निस्सरण नियमावली, 2003 के प्रावधानों के तहत जल संसाधन विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को सक्षम प्राधिकार के रूप में अधिकृत किया है, जिससे वे अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकें।
विभागीय भूमि पर अतिक्रमण के कारण जल प्रबंधन, सिंचाई परियोजनाओं और बाढ़ नियंत्रण के कार्यों में गंभीर बाधाएं आ रही थीं। इन अतिक्रमणों के हटने से नदियों के जल प्रवाह को नियंत्रित करने, सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन और बाढ़ से सुरक्षा के प्रयासों में सुधार होगा। साथ ही, जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं को समय पर और प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा। सरकार की इस सख्ती से अब जल संसाधन विभाग की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और राज्य में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन संभव होगा।