Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Jul, 2024 04:34 PM
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है। वहीं, इस आदेश के बाद देश में राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार के इस...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है। वहीं, इस आदेश के बाद देश में राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं तो वहीं, भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू ने भी इस फैसले से असहमति जाहिर की है।
'यह परंपरा सही नहीं'
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जदयू इसपर कुछ कहना नहीं चाहती है। यह बिल्कुल सही नहीं है। इसमें कुछ न कुछ बदलाव लाना चाहिए। बिहार सरकार पिछले 18 साल से किसी भी समुदाय या जात के लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहती हैं ताकि महादेव का प्रताप उन्हें मिल जाए। यह परंपरा उन्होंने शुरू की है इससे होगा क्या? फिर दो समुदाय और जाति के बीच भेदभाव होगा। लोग कहेंगे यह अति पिछड़ा है, यह दलित है, इससे हम कुछ नहीं लेंगे, इससे डर बढ़ेंगे। यह परंपरा सही नहीं है। अभी सब लोग यही मानते है कि कांवड़ियों की मदद करने से सबको पुण्य मिलेगा।
'हम यूपी के सरकार से रिक्वेस्ट करेंगे कि...'
राजीव रंजन ने कहा कि यह जो कानून लागू हुआ है, ये हमारे मुलायम सिंह यादव ने ही बनाया था, आज तक यह इंप्लीमेंट नहीं हुआ था। मुलायम जी का बनाया हुआ कानून अभी लागू हो रहा है। यह सुनकर मुझे आश्चर्य हो रहा है। आज उनके लड़के खुद उसके विरोध में खड़े हो गए हैं। उस वक्त 2005 में यूपीए की सरकार थी जिसके कारण यह हुआ था। राजीव रंजन ने कहा कि इसको लेकर हम यूपी की सरकार से रिक्वेस्ट करेंगे कि इसपर दोबारा विचार किया जाए और जो जनता कहती हैं उसके अनुसार काम करें।